Kamada Ekadashi 2025 Date: कब है सभी कामनाओं को पूरा करने वाली कामदा एकादशी? जानें शुभ मुहुर्त और महत्व

पद्म पुराण और अन्य धर्मग्रंथों के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत ब्रह्महत्या और अनजाने में किए गए सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला है। यह एकादशी पिशाचत्व जैसे दोषों का भी नाश करती है।
kamada ekadashi 2025 date

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं एकादशी का व्रत रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है कामदा एकादशी, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

कामदा एकादशी 2025 कब है? (Kamada Ekadashi 2025 Kab Hai?)

Kamada Ekadashi 2025 Kab Hai

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 7 अप्रैल, सोमवार के दिन रात 8 बजे से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 8 अप्रैल, मंगलवार के दिन रात 9 बजकर 13 मिनिट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा।

कामदा एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Kamada Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

Kamada Ekadashi 2025 Shubh Muhurat

कामदा एकादशी के दिन मघा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगा और 9 अप्रैल यानी कि अगले दिन सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 16 मिनट है। वहीं, सूर्यास्त शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा।

कामदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 39 मिनट से शुरू हो रहा है और सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त का समय पवित्र नदी में स्नान एवं दान के लिए शुभ है। अमृत काल का समय सुबह 5 बजकर 29 मिनट से सुबह 7 बजकर 11 मिनट तक है।

ऐसे में अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है। इस मुहूर्त में एकादशी की पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करने से संकटों का नाश होगा और श्री हरि नारायण की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।

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कामदा एकादशी 2025 महत्व (Kamada Ekadashi 2025 Mahatva)

Kamada Ekadashi 2025 ka Mahatva

पद्म पुराण और अन्य धर्मग्रंथों के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत ब्रह्महत्या और अनजाने में किए गए सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला है। यह एकादशी पिशाचत्व जैसे दोषों का भी नाश करती है। कामदा एकादशी का व्रत और कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है।

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image credit: herzindagi

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