अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इस दिन कलश स्थापना कर के नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। हालांकि इस साल शारदीय नवरात्रि की विशेषता यह है कि इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 10 दिनों की पड़ रही है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल शारदीय नवरात्रि की डेट क्या है, कैसे और कब करनी है कलश स्थापना, कौन-कौन से योग बन रहे हैं और क्या है शारदीय नवरात्रि का महत्व।
शारदीय नवरात्रि 2025 का आरंभ 22 सितंबर, सोमवार से हो रहा है। इस दिन अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 सितंबर को देर रात 09:12 बजे होगी और यह 22 सितंबर को देर रात 01:21 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, नवरात्रि का पहला दिन 22 सितंबर को ही मनाया जाएगा और इसी दिन घटस्थापना की जाएगी।
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश को ब्रह्मांड और मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। 22 सितंबर, सोमवार को घटस्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 06:14 बजे से 07:44 बजे तक रहेगा। इस दौरान विधि-विधान से कलश स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहता है। यह दिन नई शुरुआत के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
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शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना, जिसे घटस्थापना भी कहते हैं, नौ दिनों की पूजा का सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य है। यह मां दुर्गा का घर में आह्वान करने का प्रतीक है। इसे सही विधि से करने पर ही पूजा का पूरा फल मिलता है। इसके लिए आप मिट्टी का कलश, आम के पत्ते, नारियल, गंगाजल, सिक्का, सुपारी, अक्षत, जौ या गेहूं, मिट्टी, लाल कपड़ा, और एक चौकी आदि सामग्री जुटा लें।
शारदीय नवरात्रि के दौरान अन्य शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं जिनमें ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, गोधुली बेला और विजय मुहूर्त आदि शामिल हैं। जहां एक ओर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:34 बजे से सुबह 05:22 बजे तक रहेगा तो वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:39 बजे तक है। इसका अलावा, विजय मुहूर्त दोपहर 02:16 बजे से दोपहर 03:04 बजे तक है और गोधुली बेला शाम 06:18 बजे से शाम 06:42 बजे तक है।
शारदीय नवरात्रि का पहला दिन यानी कि 22 सितंबर को कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और शुक्ल योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का समय सुबह 08:31 बजे तक रहेगा जिसके बाद हस्त नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग भी पूरे दिन रहेगा जो सुबह 09:32 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 06:09 बजे तक रहेगा।
शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से कई लाभ मिलते हैं। यह पूजा जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि लाती है। माना जाता है कि इन नौ दिनों की साधना से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और मन में चल रहे सभी भय और तनाव दूर होते हैं। मां दुर्गा अपने भक्तों के सभी दुख और कष्ट हर लेती हैं। इस दौरान की गई पूजा से घर में सुख-शांति का वास होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
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