सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इनकी पूजा में कई नियमों का पालन करने के महत्व के बारे में बताया गया है। इतना ही नहीं, भगवान शिव को मृत्युंजय कहा जाता है। उनकी साधना से व्यक्ति बड़े से बड़े संकट से उबर जाता है और सभी प्रकार के रोग-शोक से शीघ्र मुक्ति मिलती है। वैद्यनाथ के नाम से पूजे जाने वाले शिव की पूजा से साधक को आरोग्य और सौभाग्य प्राप्त होता है। भगवान शिव की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। अब ऐसे में अगर आप भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो उनका सबसे पहले आवाहन करना जरूरी है। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से नियम और महत्व के बारे में जानते हैं।
तीन बार ताली बजाकर भगवान शिव का आवाहन करें और भगवान शिव की पूजा-अर्चना आरंभ करें।
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