जानें कुलदेवी का पता न हो तो कैसे करें पूजा?

सभी के कुलदेवी या कुलदेवता होते हैं। उनकी पूजा के बिना मांगलिक कार्य की शुरुआत नहीं होती है। 

Kuldevi Puja expert tips

(kuldevi and Kuldevta) हिंदू धर्म में कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा का विशेष महत्व है। इनके बिना कोई भी मांगलिक कार्य आरंभ नहीं किया जाता है। बता दें, अलग-अलग समुदायों के भिन्न कुलदेवी और कुलदेवता होते हैं। जो परिवार का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब सवाल यह है कि अगर आपको अपने कुलदेवी या कुलदेवता के बारे में पता नहीं है, तो कैसे पता करें और किन उपायों को करना अनिवार्य होता है।

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जानें कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा का महत्व (Importance of worshiping Kuldevi or family deity)

kuldevi puja

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर परिवार का एक विशेष दैविय संबंध होता है। जो पीढ़ी दर पीढ़ी के माध्यम से आगे बढ़ता है। कुलदेवी और कुलदेवता को संरक्षण के रूप में देखा जाता है, क्योंकि ये परिवार के सभी सदस्यों की रक्षा करते हैं।

कुलदेवी और देवता की पूजा करने से परिवार में कभी किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है और उनकी कृपा बनी रहती है।

ऐसी कहा जाता है कि अगर विवाहित जोड़े को कुल देवी और देवता के दर्शन कराए जाए, तो उनके दांपत्य जीवन में कभी किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है।

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कैसे पता करें कौन है कुलदेवी और कुलदेवता? (How to know who is the family deity?)

   kul devi kul devta

अगर आपको अपने कुलदेवी के बारे में नहीं पता है, तो कुल 11 मंगलवार (मंगलवार मंत्र) तक इस प्रयोग को लगातार करें। इस प्रयोग की शुरुआत किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार से कर सकते हैं। सबसे पहले सुबह पूजा-अर्चना के समय एक साबुत सुपारी लेकर उसे स्नान कराएं और एक पट पर स्थापित करें। साथ ही प्रार्थना करें, कि हे हमारे कुलदेवी आप कौन हो और कहां हो? मुझे इसके बारे में नहीं पता है, मैं आपको जानना चाहता या चाहती हूं। इसके लिए मैं आह्वान इस सुपारी से कर रहा हूं। ऐसा 3 बार कहें और सुपारी का पंचोपचार पूजा-अर्चना करें और घर के मंदिर डपर स्थापित कर दें।

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उसके बाद रात में सोने से पहले सुपारी (सुपारी के उपाय) का फिर से पूजा करें और कहें कृपा कर मुझे स्वप्न में मार्गदर्शन दें। पश्चात सुपारी को अपने तकिए के नीचे रखकर सो जाएं। सुबह मंदिर में रख दें। ऐसा ग्यारह मंगलवार तक कठोर तपस्या के साथ करें। आपको अवश्य सफलता मिलेगा। इसके साथ ही आप पंडित जी का भी सहयोग ले सकते हैं। ऐसा करने से आपको कुलदेवी का पता निश्चित चल जाएगाऔर शुभ फलों की भी प्राप्ति हो सकती हैं।

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Image Credit- Freepik

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