Akhanda Jyot ke Niyam 2025: चैत्र नवरात्रि के नौ दिन अखंड ज्योत जलाने के क्या हैं नियम, यहां जान लें

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योत जलाने का विशेष महत्व है। अब ऐसे में इस जलाने के दौरान किन नियमों का पालन करना है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा की उपासना का एक पवित्र समय है, जिसे भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस दौरान, "अखंड ज्योति" जलाने की विशेष धार्मिक परंपरा निभाई जाती है। अखंड ज्योति नौ दिनों तक निरंतर जलती रहती है, जिसे नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के समय जलाया जाता है।

यह मां दुर्गा के आशीर्वाद का प्रतीक है और घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। अखंड ज्योति जलाने की धार्मिक मान्यता है कि इससे घर में देवी का वास होता है, जिससे परिवार को सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद मिलता है। हालांकि, इसका पूरा लाभ पाने के लिए, इसे सही तरीके से जलाना और नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से चैत्र नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योत जलाने के महत्व के बारे में जानते हैं।

चैत्र नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योत जलाने के नियम (Akand Jyot Jalane ke Niyam)

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  • जलाने का समय - अखंड ज्योति को प्रतिपदा तिथि से लेकर दशमी तिथि तक लगातार जलाया जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों तक यह दीपक जलता रहता है, जिससे देवी दुर्गा की कृपा बनी रहती है।
  • सामग्री - दीपक में शुद्ध घी का उपयोग करें। इसे चावल, जौ या गेहूं के ऊपर रखें। सामग्री शुद्ध और सात्विक होनी चाहिए। टूटे हुए चावल का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अशुद्ध माना जाता है।
  • मंत्रों का जाप - ज्योत जलाते समय, "करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते" इस मंत्र का जाप करें। यह मंत्र घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने के साथ-साथ शत्रुओं से रक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए है।
  • साफ-सफाई का रखें ध्यान - जहां पर अखंड ज्योति जल रही हो, वहां पूरे स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। जगह को स्वच्छ रखें और कोई नकारात्मक ऊर्जा न आए, इसके लिए घर के वातावरण को शांत बनाए रखें।

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अखंड ज्योत जलाने के दौरान बरतें सावधानी

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  • अखंड ज्योति को कभी भी अकेला न छोड़ें।
  • ज्योत को जलता हुआ बनाए रखें।
  • अगर किसी कारणवश यह बुझ जाए, तो इसे तुरंत पुनः जलाकर सही स्थिति में रखें।
  • ज्योत का बुझना अशुभ माना जाता है।
  • अखंड ज्योति की लौ हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए।

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  • अखंड ज्योति को जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
  • अखंड ज्योति को बुझने से बचाने के लिए कांच के लैंप से ढककर रखना चाहिए और 9 दिनों तक अंखड ज्योति जलाने के बाद उसे फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए। इसके बजाए दीपक को स्वयं बुझने देना चाहिए।
  • आग्नेय कोण यानी कि पूर्व-दक्षिण में अखंड ज्योति जलाना अच्छा माना जाता है।

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Image Credit- HerZindagi

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