आषाढ़ अमावस्या का धार्मिक महत्व कई दृष्टियों से खास है। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। बता दें, जिन परिवारों में पितृ दोष होता है, वे इस दिन पिंड दान और श्राद्ध कर्म करवाते हैं। यह अनुष्ठान किसी योग्य पंडित द्वारा ही संपन्न कराया जाना चाहिए। अब ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में ग्रहदोष है तो इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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