आषाढ़ अमावस्या का धार्मिक महत्व कई दृष्टियों से खास है। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। बता दें, जिन परिवारों में पितृ दोष होता है, वे इस दिन पिंड दान और श्राद्ध कर्म करवाते हैं। यह अनुष्ठान किसी योग्य पंडित द्वारा ही संपन्न कराया जाना चाहिए। अब ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में ग्रहदोष है तो इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
आषाढ़ अमावस्या के दिन ग्रहदोष से छुटकारा पाने के लिए क्या करें?
- आषाढ़ अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन पितरों की शांति और ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप भी किसी ग्रह दोष से पीड़ित हैं या जीवन में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो इस दिन किए गए खास उपाय आपको इन समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं।
- आषाढ़ अमावस्या पितृ तर्पण के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध और दान अवश्य करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है। किसी योग्य ब्राह्मण से पितरों की शांति के लिए पूजा करवाएं और उन्हें भोजन कराएं।
- पीपल के पेड़ को त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास माना जाता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए 108 बार परिक्रमा करें। इससे शनि, राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव कम होते हैं।
- भगवान शिव को ग्रहों के नियंत्रक के रूप में जाना जाता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल, दूध और बिल्वपत्र चढ़ाएं। यदि संभव हो तो रुद्राभिषेक करवाएं। 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। यह उपाय चंद्र दोष और अन्य ग्रह दोषों को शांत करने में बहुत प्रभावी है।
- इस दिन नवग्रह स्तोत्र का पाठ भी बहुत लाभकारी होता है।
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आषाढ़ अमावस्या के दिन ग्रहदोष से छुटकारा पाने के लिए क्या करने से बचना चाहिए?
- इस दिन तामसिक भोजन करने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है, जिससे ग्रह दोषों का प्रभाव बढ़ सकता है।
- अमावस्या तिथि को किसी भी नए या शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचना चाहिए। इस दिन गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन या व्यवसायिक कामों की शुरूआत करना शुभ नहीं माना जाता है।
- अमावस्या की रात को श्मशान घाट या किसी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय होती हैं।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन किसी से भी पैसे उधार लेने या देने से बचना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन किया गया आर्थिक लेन-देन आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है और धन हानि होने की संभावना रहती है।
- अमावस्या के दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। इस दिन व्यक्तिगत स्वच्छता के कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन ये कार्य अमावस्या तिथि पर नहीं किए जाते हैं।
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