हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत महत्व माना जाता है। अक्षय तृतीया तिथि के दिन अबूझ मुहूर्त होता है जिसके दौरान बिना ग्रहों की चाल, दिशा और दशा देखे कोई भी शुभ काम किया जा सकता है। वहीं, धर्मिक एवं ज्योतिष दृष्टि से ऐसा कहा गया है कि अक्षय तृतीया के दिन विवाह करना बहुत शुभ सिद्ध होता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि अक्षय तृतीया के सिद्ध मुहूर्त होने के कारण इस दिन किया गया विवाह अखंड और अक्षय फल प्रदान करता है और दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है। ऐसे में आइये जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन कौन सा समय विवाह के लिए सबसे ज्यादा शुभ है।
अक्षय तृतीया विवाह मुहूर्त 2025 (Akshaya Tritiya Vivah Muhurat 2025)
अक्षय तृतीया का दिन यूं तो विवाह के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी विवाह किया जा सकता है, लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह का कोई मुहूर्त नहीं बन रहा है क्योंकि इस दिन शुक्र ग्रह अस्त हो रहे हैं जो विवाह के कारक माने जाते हैं।
हालांकि, अगर किसी कारण से अक्षय तृतीया के दिन ही किसी का विवाह हो रहा है या फिर कोई विवाह करना चाहता है तो ऐसे में अमृत काल का समय श्रेष्ठ रहेगा। आप इस समय में विवाह भी कर सकते हैं या फिर परिवार के लोग संबंध भी तय कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन विवाह के लिए शुभ समय दोपहर 1 बजकर 25 मिनट से दोपहर 2 बजकर 51 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने से वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल बना रहता है और कभी भी रिश्तों में दरार नहीं आती है।
यह भी पढ़ें:असुर होते हुए भी इन राक्षसों ने क्यों की थी भगवान विष्णु की पूजा?
अक्षय तृतीया के दिन विवाह के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त 30 अप्रैल को शाम 4 बजकर 18 मिनट से शाम 5 बजकर 57 मिनट है। यूं तो अक्षय तृतीया के पूरे दिन आप कभी भी विवाह कर सकते हैं, लेकिन ये 2 शुभ मुहूर्त गृहस्थ जीवन के आरंभ हेतु श्रेष्ठ माने जा रहे हैं।
अक्षय तृतीया 2025 विवाह का महत्व
धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो अक्षय तृतीया भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। यह दिन उनकी पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। विष्णु और लक्ष्मी को सुख-समृद्धि और खुशहाल वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना जाता है।
इसलिए इस दिन विवाह करने से जोड़े को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा, विवाह के लिए ग्रहों की दिशा और दशा बहुत मायने रखती है। ग्रहों की अनुकूलता बहुत आवश्यक है।
यह भी पढ़ें:भगवान विष्णु को 12 रुपए चढ़ाने से क्या होता है?
ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने का सबसे ज्यादा शुभ प्रभाव और लाभ यह है कि इस दिन किसी भी ग्रह की कोई अशुभता असर नहीं डाल पाती है और वैवाहिक जीवन का शुभारंभ सकारात्मकता एवं दैवीय कृपा के साथ होता है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों