कोई भी काम शुरुआत करने से पहले या फिर दिन की सामान्य शुरुआत से भी पहले पूरे दिवस के मुहूर्तों के बारे में जान लेना अच्छा रहता है क्योंकि जब मुहूर्तों की जानकारी होती है और काम सफल भी होता है और काम से लाभ भी मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से 26 मई, सोमवार का पंचांग विस्तार से।
आज का पंचांग (26 मई 2025)
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
चतुर्दशी और अमावस्या | भरणी | सोमवार | शोभन योग | शकुनि, चतुष्पाद और नाग |
आज का सूर्य और चंद्रमा का समय (26 मई 2025)
प्रहार | समय |
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 25 मिनट |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 11 मिनट |
चंद्रोदय | शाम 5 बजकर 5 मिनट |
चंद्रास्त | शाम 6 बजकर 35 मिनट |
आज का शुभ मुहूर्त और योग (26 मई 2025)
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:03 बजे से सुबह 04:44 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:36 बजे से दोपहर 03:31 बजे तक |
गोधुली मुहूर्त | शाम 07:10 बजे से शाम 07:31 बजे तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 07:11 बजे से रात 08:13 बजे तक |
सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 05:25 बजे से 08:23 बजे तक |
प्रदोष पूजा मुहूर्त | शाम 07:20 बजे से रात 09:13 बजे तक |
आज का अशुभ मुहूर्त (26 मई 2025)
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 07:09 बजे से सुबह 08:52 बजे तक |
गुलिक काल | दोपहर 2:02 मिनट से शाम 3:45 मिनट तक |
यमगंड | दोपहर 10:35 मिनट से दोपहर 12:18 मिनट तक |
वर्ज्य | शाम 6:58 मिनट से रात 8:22 मिनट तक |
आज केपर्व और त्योहार (26 मई 2025)
26 मई 2025 का दिन पर्व और त्योहारों की दृष्टि से बहुत ही खास है। इस दिन दो प्रमुख पर्व एक साथ मनाए जाएंगे सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत। चूंकि यह सोमवार का दिन है और इस दिन अमावस्या तिथि पड़ रही है, इसलिए यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी, जिसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, पितरों के निमित्त तर्पण करने और दान-पुण्य करने का विशेष फल मिलता है। वहीं, इसी दिन वट सावित्री व्रत भी है, जो सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष (बरगद का पेड़) की पूजा करती हैं, सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
वट सावित्री व्रत का उपाय: वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को सुबह स्नान के बाद सोलह श्रृंगार करना चाहिए और नए वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद वट वृक्ष (बरगद के पेड़) के पास जाकर उसकी जड़ में जल चढ़ाएं और हल्दी-कुमकुम लगाएं।
इसके चारों ओर कच्चे सूत या लाल धागे को सात बार लपेटते हुए परिक्रमा करें और अपनी पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। साथ में चना, गुड़, फल और मिठाई का भोग लगाएं। सावित्री-सत्यवान की कथा पढ़ें या सुनें।
26 मई 2025 के पंचाग का महत्व
26 मई 2025 का पंचांग धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों दृष्टियों से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है और संयोग से सोमवार भी है, जिससे यह सोमवती अमावस्या बन रही है।
सोमवती अमावस्या पितरों की शांति, तर्पण और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है, और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिससे ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
साथ ही, यह दिन वट सावित्री व्रत का भी है, जो सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करती हैं और सावित्री-सत्यवान की पौराणिक कथा सुनती हैं।
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image credit: herzindagi
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