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श्री कृष्ण बंसी बजाते थे या मुरली? जानें अंतर

अक्सर श्री कृष्ण से जुड़े श्लोकों या भजनों में भी उनकी लीला को दर्शाते हुए उन्हें बंसी, बांसुरी या मुरली बजाने वाले के रूप में अंकित किया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि बंसी, बांसुरी और मुरली अलग-अलग हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-02-24, 14:00 IST

श्री कृष्ण के स्वरूप का ध्यान किया जाए तो सबसे पहले जो नजर आएगा वह है शीश पर मोरपंख और हाथों में बंसी। श्री कृष्ण को बंसी बजाना प्रिय था क्योंकि राधा रानी को बंसी की धुन अच्छी लगती थी। बंसी बजाने के कारण ही श्री कृष्ण का एक नाम बंसी बजैया भी पड़ा। इसके अलावा, ऐसा भी माना जाता है कि अपनी मुरली की धुन से श्री कृष्ण सबका मन मोह लेते थे, इसलिए उन्होंने मुरली मनोहर भी कहा जाता है।

अक्सर श्री कृष्ण से जुड़े श्लोकों या भजनों में भी उनकी लीला को दर्शाते हुए उन्हें बंसी, बांसुरी या मुरली बजाने वाले के रूप में अंकित किया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि बंसी, बांसुरी और मुरली अलग-अलग हैं। ऐसे में अब 2 सवाल उठते हैं: पहला यह कि श्री कृष्ण क्या बजाते थे बंसी, बांसुरी या मुरली और दूसरा सवाल ये कि तीनों में अंतर क्या है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं।

श्री कृष्ण द्वारा बजाई जाने वाली बंसी, बांसुरी और मुरली में क्या है अंतर?

बांसुरी के ऊपरी हिस्से में अरहर, सेमल जैसी लकड़ियों की डाट लगी होती है। इसी डाट के माध्यम से इसे ऊपरी सिरे से बजाया जाता है। इसमें 6 सुराख होते हैं, यानी 6 प्रकार के सुर होते हैं।

difference between flute and bansi

बांसुरी के परिवार के एक रूप बंसी में भी 6 सुराख होते हैं। हालांकि, इसका वादन शौकिया तौर पर किया जाता है। इसके अलावा, पेशेवर एवं घराना परंपरा के लोग भी बांसुरी वादन करते हैं।

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वहीं, मुरली के बारे में बताएं तो मुरली में 7 सुर होते हैं। श्री कृष्ण मुरली को ही बजाया करते थे। आकार और एक जैसा रूप होने के कारण मुरली, बंसी और बांसुरी को एक जैसा समझा जाता है।

difference between flute and murli

शास्त्रों में बताया गया है कि श्री कृष्ण संपूर्ण 64 कलाओं के स्वामी थे। ऐसे में उनकी मुरली भी संपूर्ण स्वरों से संपन्न थी। यही कारण है कि घर में भी वास्तु शास्त्र में 7 छेद वाली मुरली रखने को कहा गया है।

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आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर श्री कृष्ण बंसी, बांसुरी और मुरली में से किस वादन को बजाते थे एवं ये तीनों अलग-अलग कैसे हैं।

difference between flute and bansuri

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