सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है, जो महिला के सर्विक्स सेल्स में विकसित होता है। यह यूट्रस का निचला हिस्सा है, जो वेजाइना से जुड़ता है। इस कैंसर को कुछ लोग बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के रूप में भी जानते हैं। ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर एक स्पेशल तरह के एचपीवी, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के कारण होते हैं।
कैंसर का यह रूप भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके इस कैंसर को खुद से दूर रखा जा सकता है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के अचूक उपायों के बारे में हमें मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई की सीनियर कंस्लटेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी, लेप्रोस्कोपी एंड इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, डॉक्टर कल्पना गुप्ता बता रही हैं।
रेगुलर स्क्रीनिंग है जरूरी
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 20 साल से ज्यादा उम्र की सभी लड़कियों और महिलाओं को रेगुलर स्क्रीनिंग और वैक्सीनेशन कराना चाहिए। एचपीवी वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर से बचाता है। रेगुलर पैप स्मीयर से सर्विक्स में किसी भी असामान्य बदलाव का शुरू में ही पता लगाया जा सकता है, जिससे जल्द से जल्द ट्रीटमेंट शुरू हो सकता है।
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सेफ सेक्सुअल रिलेशनशीप
सर्वाइकल कैंसर से जुड़े एचपीवी और अन्य एसटीडी से बचना चाहते हैं, तो एक ही पार्टनर के साथ सेक्सुअल रिलेशन रखें। इसके अलावा, सेफ सेक्स के लिए कंडोम जैसे उपायों का इस्तेमाल करें।
हेल्दी डाइट
फल, सब्जियों और साबुत अनाज जरूरी विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। ये इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं, जो एचपीवी जैसे इंफेक्शन से लड़ने के लिए जरूरी है।
स्मोकिंग न करें
क्या आप जानते हैं कि स्मोकिंग छोड़कर भी सर्वाइकल कैंसर के विकास को रोका जा सकता है। इससे आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और अन्य कैंसर के होने की संभावना भी कम होती है।
अल्कोहल का सेवन कम करें
ज्यादा अल्कोहल लेने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए अल्कोहल का सेवन कम या बिल्कुल न करें। इन बदलावों को डेली रूटीन में शामिल करने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
वजन को कंट्रोल में रखें
मोटापे अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ-साथ सर्वाइकल कैंसर होने के खतरे को भी बढ़ा सकता है। इसलिए, बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज की मदद से अपने वजन को कंट्रोल में रखें।
तनाव कम करें
योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकों को अपनाकर तनाव को कम करें। लंबे समय तक तनाव इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर बीमारी के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है। लेकिन योग और मेडिटेशन जैसी एक्टिविटी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है।
रेगुलर चेकअप
डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराकरमहिलाएं अपने रिप्रोडक्टिव हेल्थ का ध्यान रख सकती हैं। साथ ही, यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और तंबाकू जैसे प्रोडक्ट्स से परहेज करके एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इसके अलावा, रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन लगवाएं और तीन साल के बाद एलबीसी स्कीनिंग जरूर करवाएं।
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