Cervical Cancer Awareness Month 2024: कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। यह कई प्रकार के होते हैं। इन्हीं में से एक है सर्वाइकल कैंसर। यह महिलाओं में होने वाले सबसे गंभीर कैंसरों में से एक है। ब्रेस्ट कैंसर के बाद भारत में इस बीमारी से सबसे ज्यादा महिलाएं पीड़ित है। यह महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण माना जाता है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल जनवरी के महीने को सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि महिलाओं को सबसे ज्यादा क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा? इस बारे में जानकारी दे रही हैं Dr Sunita Kapoor MBBS, DNB. Path, MNAMS, DGO, MS.Biomed.Sc,(BITS Pilani) PGDHM, NIHFW Director & Lab Head City X- Ray & Scan Clinic
महिलाओं को सबसे ज्यादा क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा? (Cervical Cancer Awareness Month 2024)
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में होता है। इसे गर्भाशय के मुंह का भी कैंसर कहा जाता है। महिलाओं में गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाले हिस्से को सर्विक्स कहते हैं। इस वजह से इसमें होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है। यह कैंसर एचपीवी यानी कि ह्युमन पैपिल्लोमा वायरस के कारण होता है । एचपीवी शरीर में अंदर प्रवेश करके यूटरस के अंदरूनी हिस्से को नुकसान पहुंचता है और धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेता है। दरअसल इसके लक्षण काफी आम होते हैं जिसकी वजह से अक्सर महिलाएं से नजरअंदाज कर देती हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक 30 की उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर खतरा ज्यादा रहता है। सर्वाइकल कैंसर होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिसमें से है एक से अधिक साथी के साथ संबंध बनाना, खराब हाइजीन, बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल करना, स्मोकिंग और परिवार का इतिहास इस कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
- संबंध बनाने के बाद वजाइना से ब्लीडिंग
- संबंध बनाने के दौरान दर्द।
- योनि से डिस्चार्ज
- पेशाब के दौरान दर्द होना
- पेल्विक में दर्द महसूस होना
- बार-बार पेशाब के लिए जाना।
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सर्वाइकल कैंसर के बारे में ऐसे चलता है पता
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण वैसे दिखाई नहीं देते हैं,लेकिन फिर भी आपको शक है तो इसलिए इसकी स्क्रीनिंग टेस्ट होती है। पैप स्मीयर टेस्ट सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट होता है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों का नमूना लिया जाता है। अगर इसमें असामान्य कोशिकाएं मिलती हैं तो एचपीवी टेस्ट की जाती है।इन जांचों से सर्वाइकल कैंसर का पता लगता है। इसके बाद इलाज शुरू किया जाता है।
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