हम आज के डिजिटल युग में कहीं खो गए हैं। हमारा सारा ध्यान बस अपने लैपटॉप की स्क्रीन पर रहता है। लैपटॉप से फुर्सत मिलते ही हम मोबाइल पर चिपक जाते हैं। ये हमारे दैनिक जीवन पर हावी हो गया है और इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात भी नहीं है जब लोग आंखों में दर्द की शिकायत करते हैं। मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से हमारी आंखें थक जाती हैं और उनमें अक्सर दर्द रहता है। चाहे आप काम, स्कूल या फुर्सत के लिए कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हों, लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताने से आपकी आंखों पर असर पड़ सकता है।
कई लोग Eye Fatigue को पहचान नहीं पाते और लगातार इसे नजरअंदाज करने से आंखें कमजोर हो सकती हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसके लक्षण बताने वाले हैं। साथ ही, आप जान पाएंगे कि आंखों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए और आई स्ट्रेन या आई फटीग को रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं।
क्या हैEye Fatigue?
आंखों की थकान, जिसे डिजिटल आई स्ट्रेन या कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। जब आप लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग करते हैं, तो आपकी आंखों में दर्द होने लगता है। स्क्रीन पर लगातार देखने से आंखों के आसपास की मांसपेशियों पर तनाव पड़ने लगता है। इसका असर आंखों के साथ-साथ आपके सिर पर भी होगा और आप सिरदर्द से भी परेशान रहते हैं।
आंखों की थकान के लक्षणों को कैसे पहचानें?
ड्राईनेस और जलन:
आंखों की थकान के सबसे आम लक्षणों में से एक है ड्राई, इरिटेटेड आंखें। स्क्रीन पर घूरने से पलक झपकने की दर कम हो जाती है, जिससे आंसू निकलना कम हो जाता है और आपकी आंखों में खुजली, जलन और ड्राईनेस रहती है।
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धुंधली दृष्टि:
लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताने से दृष्टि में अस्थायी परिवर्तन हो सकता है, जिसके कारण धुंधली दृष्टि हो सकती है। जब आप स्क्रीन पर लंबे समय तक देखते हैं, तो कई बार आपको चक्कर आने जैसा अनुभव भी होता है।
आंखों का तनाव:
आंखों का तनाव आंखों में दर्द, इचीनेस या भारीपन के रूप में नजर आता है। इससे सिरदर्द भी हो सकता है, खासकर माथे या कान के पास। अगर आपकी आंखें भारी लगती हैं, तो समझ जाएं कि आपकी आंखें थक चुकी हैं और उन्हें आराम की जरूरत है।
लाइट के प्रति संवेदनशीलता:
जब आप रोशनी में आते हैं, तो आंखों पर दबाव ज्यादा पड़ता है और आंखें अपने-आप बंद होने लगती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी आंखें लाइट के प्रति संवेदनशील हो चुकी हैं। इसे फोटोफोबिया के रूप में जाना जाता है और यह आंखों की थकान का एक और लक्षण है। स्क्रीन की तेज चमक इस संवेदनशीलता को बढ़ा सकती है और असुविधा को बढ़ा सकती है।
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई:
क्या आपको लैपटॉप देखने में असुविधा होने लगती है? आंखों की थकान एकाग्रता और फोकस को भी खराब कर सकती है, जिससे काम करने में आपको परेशानी हो सकती है। दर्द के कारण आपका फोकस अपने काम से हटता रहता है।
आंखों की थकान को रोकने के लिए करें ये काम
20-20-20 नियम का पालन करें-
आंखों के तनाव को कम करने के लिए, 20-20-20 नियम का पालन करें। हर 20 मिनट में, 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर किसी चीज को देखें। यह अभ्यास ध्यान केंद्रित करने वाली मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है और तनाव को कम करता है।
स्क्रीन सेटिंग्स ठीक करें
ब्राइटनेस के कारण आंखों पर तनाव पड़ता है। इसे कम करने के लिए स्क्रीन सेटिंग्स को सही करना जरूरी है। अपने लैपटॉप में सेटिंग्स पर जाकर ब्राइटनेस को ठीक करें , कंट्रास्ट और टेक्स्ट आकार भी एडजस्ट करें। डिजिटल आंखों के तनाव को कम करने के लिए ब्लू लाइट फिल्टर या एंटी-ग्लेयर स्क्रीन प्रोटेक्टर का उपयोग करें।
बार-बार झपकें आंखें
आंखों की ड्राईनेस रोकने और नमी बनाए रखने के लिए स्क्रीन का उपयोग करते समय नियमित रूप से पलकें झपकाना याद रखें। अपनी आंखों को हाइड्रेटेड रखने के लिए डॉक्टर की सलाह लेकर आई ड्रॉप लें। अगर आपके इंडोर प्लेस में ड्राईनेस ज्यादा है, तब आपको आई ड्रॉप्स का उपयोग जरूर करना चाहिए।
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नियमित ब्रेक लें
स्क्रीन टाइम से नियमित ब्रेक लेकर अपनी आंखों को आराम दें। ब्रेक के दौरान स्ट्रेचिंग करने, कुछ देर टहलने और स्क्रीन से आंखों को हटाने का प्रयास करें। अपने आंखों को बार-बार झपकाएं।
कोल्ड कंप्रेस का सहारा लें
कुछ देर के लिए आराम पाने के लिए आप ये घरेलू नुस्खा आजमा सकते हैं। अपने आंखों को ठंडे पानी से धोएं। इसके अलावा अपनी आंखों पर खीरे के स्लाइसेसया चिल्ड टी बैग्स रखें। इसकी ठंडक आंखों की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में मदद करेगी और आपका दर्द थोड़ा कम होगा।
अगर आपकी आंखें भी थकी-थकी रहती हैं, तो उसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें। किसी अच्छे आंखों के डॉक्टर के पास जाकर अपने विजन का चेकअप करवाएं और डॉक्टर की सलाह के बाद ही आई ड्रॉप्स लें।
इसके साथ ही अपने स्क्रीन टाइम को कम करने का प्रयास करे। हमें उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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