आज के समय में महिलाएं गर्भावस्था में अपना व अपने बच्चे का ख्याल रखने के लिए योगाभ्यास करना बेहद पसंद करती हैं। दरअसल, फिजिकल वर्कआउट में यह एक आसान व सुरक्षित तरीका है। गर्भावस्था में योगाभ्यास करने का एक लाभ यह भी है कि इससे सिर्फ आपके तन ही नहीं, मन को भी शांति मिलती है। यह देखने में आता है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी पीरियड में योगाभ्यास करती हैं, उन्हें डिलीवरी के समय बहुत अधिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है और उनकी डिलीवरी आसानी से हो जाती है।
हालांकि, गर्भावस्था में योगाभ्यास करते समय भी कई बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है। मसलन, आपकी प्रेग्नेंसी की कौन सी अवधि चल रही है। खासतौर से, अगर आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में योगाभ्यास करती हैं, तो उस समय तक गर्भस्थ शिशु काफी विकसित हो चुका होता है और ऐसे में कई तरह के योगासनों का अभ्यास करना सुरक्षित नहीं माना जाता है। साथ ही योगाभ्यास करते समय पर्याप्त सावधानी बरतना भी आवश्यक होता है। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको बता रही हैं कि तीसरी तिमाही में योग करते हुए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
मेडिकल कॉम्पलीकेशन पर दें ध्यान
जब आप तीसरी तिमाही में योगाभ्यास कर रही हैं तो सबसे पहले आपको गर्भस्थ शिशु के साइज व मेडिकल कॉम्पलीकेशन पर ध्यान देना चाहिए। मसलन, तीसरी तिमाही में भी आपका कौन सा महीना चल रहा है और आपका शिशु अंडरवेट है या ओवरवेट। इस पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। वहीं, कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर से लेकर डायबिटीज व अन्य कई मेडिकल हेल्थ कॉम्पलीकेशन होती हैं। ऐसे में उन सभी स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखकर उचित योग किया जाना बेहद आवश्यक है।
एक्सपर्ट की देख-रेख में ही करें योगाभ्यास
यह देखने में आता है कि कुछ महिलाएं गर्भावस्था में खुद घर पर ही योगाभ्यास करना शुरू कर देती हैं या फिर वह वीडियोज आदि देखकर उसका अभ्यास करती हैं। हालांकि, आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। दरअसल, हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है। वहीं दूसरी ओर, एक ही योगासन को कई तरह से वैरायटीज के साथ किया जा सकता है। आपके लिए कौन सा सही है, यह खुद आपके लिए पता लगा पाना मुश्किल है। इसलिए, अगर आप चाहती हैं कि तीसरी तिमाही के दौरान आपको कोई समस्या ना हो, इसके लिए किसी एक्सपर्ट की देख-रेख में ही योगाभ्यास करें।(ये अजीब-अजीब सी चीजें भी होती है प्रेग्नेंसी के दौरान)
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इस तरह के आसनों का अभ्यास
अगर आपकी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही चल रही है तो आपको आसनों को भी समझदारी पूर्वक करना चाहिए। मसलन, इस दौरान हमेशा ऐसे आसन करने की सलाह दी जाती है, जो पेल्विक फलोर मसल्स को ओपन करे, उसे स्ट्रेंथन करें और उन्हें फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करे। ऐसा करने से महिला के लिए प्रसव प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है।
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इन बातों का रखें ध्यान
जब आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में योगाभ्यास कर रही हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। मसलन-
- कभी भी ऐसा कोई आसन ना करें, जिसमें आपको पैर मिलाने की आवश्यकता हो। दरअसल, इस अवधि में योगाभ्यास करते हुए पैर आपस में ना मिलाने की सलाह दी जाती है।
- अगर आप कोई झुकने वाला आसन कर रही हैं, तो पैरों में उचित दूरी अवश्य बनाएं।(Pregnancy में paracetamol लेना बच्चों की health के लिए अच्छा नहीं)
- साथ ही ऐसे आसनों का अभ्यास करते हुए हमेशा घुटने मोड़कर नीचे जाया जाता है। कभी भी सामने कमर के बल झुकने की गलती ना करें।
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