गर्मी का मौसम आ चुका है और इस मौसम में हर उम्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ती गर्मी के कारण पेट में दर्द होने से लेकर उल्टी, दस्त, चक्कर आना और सिरदर्द जैसी समस्याएं लोगों को होने लगी हैं। लेकिन जरा सोचिए कि अभी से अगर बड़ों का यह हाल है तो बच्चों का इस मौसम में क्या होगा। खासतौर से, अगर बच्चा छह माह का या फिर उससे भी कम उम्र का है, तो ऐसे में उसे इस चिलचिलाती गर्मी के मौसम में पर्याप्त केयर की जरूरत है।
दरअसल, नवजात शिशु या बहुत कम उम्र के बच्चे बोलकर अपनी समस्या नहीं बता पाते हैं और ऐसे में पैरेंट्स को उनकी समस्या के बारे में तब पता चलता है, जब वह बहुत अधिक बढ़ जाती है। गर्मी के इस मौसम में बच्चे को डिहाइड्रेशन से लेकर स्किन से जुड़ी किसी तरह की कोई समस्या ना हो, इसके लिए उन पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में दिल्ली के सरोज अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. के के गुप्ता आपको बता रहे हैं कि इस मौसम में नवजात शिशु की देखभाल किस तरह करें-
ब्रेस्टफीड पर दें अतिरिक्त ध्यान
गर्मी के मौसम में जिस तरह बड़ों के शरीर में पानी की जरूरत बढ़ जाती है, ठीक उसी तरह छोटे बच्चों को भी पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्टफीड करवाना बेहद आवश्यक है। आप इस बात का खासतौर पर ध्यान दें कि बच्चे को हर दो से तीन घंटे में ब्रेस्ट फीड अवश्य करवाएं। इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। आप बच्चे को फार्मूला मिल्क दे सकती हैं, लेकिन ब्रेस्टफीड करवाना उसके लिए सबसे अच्छा रहेगा। दरअसल, इस मौसम में बच्चों का पाचन तंत्र काफी सेंसेटिव हो जाता है और ऐसे में फार्मूला मिल्क पचा पाना कभी-कभी उनके लिए काफी कठिन हो सकता है।
ना दें अतिरिक्त तरल पदार्थ
यह देखने में आता है कि गर्मी का मौसम आते ही अक्सर पैरेंट्स बच्चे को पानी, दाल का पानी या फलों का रस देना शुरू कर देते हैं। लेकिन अगर आपका बच्चा छह माह से कम उम्र का है तो उसे यह सब ना दें। केवल ब्रेस्टफीड ही करवाएं। अगर आप बच्चे को सही तरह से ब्रेस्टफीड करवाती हैं, तो इससे बच्चे के शरीर में तरलता बनी रहती हैं (यह संकेत नजर आएं तो समझ लीजिए आपका ब्रेस्टफीडिंग तरीका है बिल्कुल सही)। ध्यान रखें कि मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व होते हैं और इस मौसम में उसका ख्याल रखने का सबसे अच्छा तरीका है सिर्फ ब्रेस्टफीड करवाना।
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यूं रखें एसी में
गर्मी के मौसम में बेबी के शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए उसे एसी में रखा जा सकता है। लेकिन इस दौरान भी कुछ बातों का ध्यान देना आवश्यक है। मसलन, कमरा एसी के कारण बहुत ज्यादा ठंडा ना हो। ध्यान दें कि कमरे का तापमान ऐसा हो, जहां ना तो बहुत ठंडक हो और ना ही बहुत गर्मी। (गर्मी के दिनों में शरीर में पानी की कमी को इन चीजों से करें पूरा)
बाथरूम को ना करें नजरअंदाज
गर्मी के मौसम में आपके बेबी का शरीर डिहाइड्रेट तो नहीं हो गया है, इसका पता लगाने का एक आसान तरीका है कि आप बच्चे के बाथरूम पर अतिरिक्त नजर रखें। मसलन, अगर बच्चा दिन भर में छह से उससे अधिक बार बाथरूम करता है, तो इसका अर्थ है कि उसका शरीर पर्याप्त रूप से हाइड्रेट है। लेकिन अगर वह छह बार से कम बार बाथरूम करता है तो यह संकेत है कि आपके बेबी के शरीर का हाइड्रेशन लेवल कम हो रहा है। इस स्थिति में बच्चे को अतिरिक्त ब्रेस्ट फीड करवाने की आवश्यकता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
बच्चे को गर्मी के मौसम में असहजता या लू आदि का सामना ना करना पड़े, इसके लिए आप कुछ बातों का खास ध्यान रखें।
- आप हर दिन बच्चे को नहला सकते हैं, लेकिन इस दौरान पानी के तापमान का ध्यान रखें।
- बेबी को गर्मी के मौसम में हल्के कलर के कॉटन व लाइटवेट कपड़े पहनाएं। कपड़े ऐसे होने चाहिए, जिसमें बच्चा कंफर्टेबल फील करे।
- गर्मी के मौसम में बच्चे को 10-4 बजे के बीच बाहर लेकर निकलने से बचें। इस दौरान धूप बहुत तेज होती है और बच्चे को लू लगने की संभावना रहती है।(गर्मी में बच्चे को हो रही है पेट की परेशानी)
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