गर्मी का मौसम सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के लिए भी कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। यह देखने में आता है कि इस मौसम में बच्चों को पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, दवाई लेने से कुछ वक्त के लिए तो वह ठीक हो जाते हैं, लेकिन फिर से दोबारा पेट की समस्या शुरू हो जाती है। दरअसल, यह एक ऐसा मौसम होता है, जिसमें बच्चों को भूख कम लगती है और उन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। ऐसे में शरीर में पानी व पोषक तत्वों की कमी के कारण कमजोरी होती है और पेट संबंधी परेशानियां होती हैं।
इतना ही नहीं, इस मौसम में लू चलती है व अत्यधिक गर्मी के कारण उनके पेट में भी बहुत अधिक हीट पैदा होती है। जिससे बच्चों के पेट खराब होने से लेकर पेट में इंफेक्शन की समस्या होती है। कई बच्चों को बढ़ती गर्मी में उल्टी, दस्त या कब्ज की शिकायत होती है। ऐसे में उनका अतिरिक्त ध्यान रखा जाना बेहद आवश्यक है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी बता रही हैं कि बढ़ती गर्मी में बच्चों को होने वाली पेट की समस्या को कैसे मैनेज किया जाए-
बढाएं लिक्विड की मात्रा
गर्मी के मौसम में बच्चे के डिहाइड्रेट होने की संभावना काफी अधिक रहती है। इसलिए इस मौसम में उनके पेट का ख्याल रखने के लिए आप उनकी डाइट में लिक्विड की मात्रा बढ़ा दें। आप उन्हें नींबू पानी, नारियल पानी, सत्तू का पानी, छाछ, दूध जैसी कई तरह की ड्रिंक्स पीने के लिए दें। इससे ना केवल वह हाइड्रेट रहेंगे, बल्कि इस तरह की हेल्दी समर ड्रिंक्स उनके पेट को भी ठंडा रखेंगी। जिससे उनके पेट का तापमान नहीं बढ़ेगा और उन्हें पेट में समस्या नहीं होगी।
हर्ब्स को करें डाइट में शामिल
अगर आप गर्मी के दिनों में बच्चे के पेट का ख्याल रखना चाहती हैं तो उनकी डाइट में कुछ हर्ब्स जैसे सौंफ, पुदीना, धनिया, अदरक आदि को अवश्य शामिल करें। यह ना हर्ब्स ना केवल पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती हैं, बल्कि इसके सेवन से बच्चे के पेट में गैस नहीं होती है। इसके अलावा, यह शरीर के तनाव को भी कम करने में सहायक है। ब्लड प्रेशर और ब्लड फ्लो को भी यह मैनेज करती हैं, जिससे बच्चे को पेट की समस्या नहीं होती है। आप बच्चे को पुदीने की चटनी दे सकती हैं या फिर दोपहर में दही में ही थोड़ा पुदीना एड करें। इसी तरह खाने के बाद बच्चे को सौंफ खाने के लिए दिया जा सकता है।
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समझदारी से दें भोजन
गर्मी के मौसम में बच्चों का डाइजेस्टिव सिस्टमकाफी सेंसेटिव हो जाता है और इसलिए वह खाना सही तरह से डाइजेस्ट नहीं कर पाते हैं, जिससे उन्हें पेट संबंधी परेशानियां होती है। इसलिए, आप बच्चों को खाना बेहद समझदारी से सर्व करें। आप उन्हें एकदम से हैवी मील देने के स्थान पर हर थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाने के लिए दें, ताकि बच्चे आसानी से उसे डाइजेस्ट कर पाएं। ध्यान दें कि कभी भी उनके दो मील के बीच बहुत अधिक गैप ना करें, क्योंकि इससे बच्चे की शरीर की पोषक संबंधी आवश्यकताएं पूरी नहीं होती हैं। अंततः बच्चे की इम्युनिटी कमजोर होती है और वह बीमार पड़ जाते हैं। इस मौसम में बच्चे की डाइट में फल व हरी पत्तेदारी सब्जियों को प्राथमिकता दें।
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हैवी स्पाइसेस को कहें नो
बच्चों की डाइट में बहुत अधिक गर्म तासीर वाले मसालों को शामिल करने से बचें। खासतौर से, गरम मसाला या लाल मिर्चआदि को आपको बच्चों को कम से कम देना चाहिए। यह बच्चे के डाइजेशन सिस्टम को इफेक्ट करता है, और इससे उन्हें पेट में इंफेक्शन या अल्सर आदि होने की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ जाती हैं।
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