चाहकर भी प्रेग्‍नेंट नहीं हो पा रही हैं आप तो आपकी कुछ आदतें हैं इनफर्टिलिटी के लिए जिम्‍मेदार

अगर आप चाहकर भी प्रेग्‍नेंट नहीं हो पा रही हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें क्‍योंकि इसमें आपकी कुछ आदतें के बारे में बताया गया है जो फर्टिलिटी पर असर डालती है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-08-10, 13:52 IST
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बदलती लाइफस्‍टाइल और आपकी कुछ खराब आदतों का असर सिर्फ आपकी हेल्‍थ पर ही बल्कि फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। फर्टिलिटी का मतलब होता है, नेचुरल तरीके से प्रेग्‍नेंट होना! लेकिन अगर किसी महिला में फर्टिलिटी की क्षमता कमजोर हो जाती है, तो उसे प्रेग्नेंट होने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है, और फर्टिलिटी कमजोर होने के कारण अंडकोष में ज्यादा अंडे नहीं बनते है। वह कपल जिन्हें लंबे समय से संतान का सुख नहीं मिला होता है, उनमें अक्सर इनफर्टिलिटी की समस्या को देखा जाता है। महिलाओं में कुछ खास बातें फर्टिलिटी को प्रभावित करती हैं। जी हां जिन महिलाओं में बॉडी मास इंडेक्स कम होता है, उन्हें प्रेग्‍नेंट होने में अधिक समय लगता है। जबकि जिन महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स हाई होता है उन्हें प्रेग्‍नेंट होने में कम समय लगता है। आइए ऐसी बातों के बारे में जानते हैं जिनकी वजह महिलाओं में फर्टिलिटी की समस्‍या होती है।

अल्‍कोहल हैं फर्टिलिटी की दुश्मन
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रोजाना अल्‍कोहल लेने से आपकी फर्टिलिटी पर नेगेटिव असर पड़ता है। डेनमार्क की ए‍क रिसर्च के अनुसार नियमित तौर पर अल्कोहल का सेवन करने से महिलाओं में प्रेग्‍नेंट होने की क्षमता 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। हफ्ते में 3-4 बार अल्कोहल का सेवन करने वाली महिलाओं को कंसीव करने में सामान्य से कहीं अधिक समय लग जाता है।

बहुत ज्‍यादा कैफीन

चाय, कॉफी, चॉकलेट का सेवन इंफर्टिलिटी का कारण नहीं बनता, पर अगर आप इनके आदी हैं और इनके बिना आपकी जिदगी रुक जाती है, तो आपको इस बारे में थोड़ा सोचना होगा। जी हां कुछ स्टडीज में यह बात सामने आई है कि अत्यधिक कैफीन का सेवन करनेवाली महिलाओं को अन्य महिलाओं के मुक़ाबले कंसीव करने में अधिक समय लगता है यानि अगर आप जल्दी ही मां बनना चाहती हैं, तो कैफीन का सेवन कम कर दें।

अधूरी नींद
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अधूरी नींद लेने से भी आपकी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। जी हां अगर आप नींद कम ले रही है तो इसका प्रभाव आपके लेप्टिन के लेवल पर पड़ता है। लेप्टिन एक मास्टर हार्मोन है जो कि आपके मेनोपॉज को कंट्रोल करता है। बॉडी में लेप्टिन के लेवल के कम होने से महिलाओं की फर्टिलिटी प्रभावित होती है। शोध बताते हैं कि लेप्टिन हार्मोन की कमी महिलाओं में खराब एग क्वालिटी से जुड़ी है। इसलिए फर्टिलिटी को बनाए रखने और सुधारने के लिए जरुरी है कि आप अच्‍छी और भरपूर नींद लें।

कम बॉडी मास इंडेक्स

बॉडी के हार्मोन्स को उचित तरीके से काम करने के लिये जरुरी है कि आपका बॉडी मास इंडेक्स हेल्‍दी होना चाहिए। किसी व्यक्ति की उम्र, लिंग, लंबाई के आधार पर औसत वजन को बॉडी मास इंडेक्स कहा जाता है। अगर आपका बॉडी मास इंडेक्स कम है तो आपके बॉडी को रिप्रोडक्शन के लिये औसतन हार्मोन की जरुरत पूरी नहीं हो पाएगी। एक शोध से पता चला है कि जिन महिलाओं में बॉडी मास इंडेक्स कम होता है उन्हें प्रेग्‍नेंसी होने में अधिक समय लगता है। जबकि जिन महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स हाई होता है उन्हें प्रेग्‍नेंट होने में कम समय लगता है।

हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट
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रेगुलर एक्‍सरसाइज करना ना केवल आपकी हेल्‍थ के लिए अच्‍छा होता है बल्कि इससे आपकी फर्टिलिटी रेट को भी बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अगर आप रोजाना हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज करती हैं तो आपमें इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा माना जाता है कि एक्सरसाइज करने से फर्टिलिटी पर पॉजिटीव असर पड़ता है, लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप इसे एक निश्चित लेवल तक करते हैं। बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज करने से आपकी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है।

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पीरियड्स में प्रॉब्‍लम

अगर आपका पीरियड्स 28 दिनों का होता है तो प्रेग्‍नेंट होने में कोई दिक्‍कत नहीं होती है। क्‍योंकि 28 दिनों के चक्र में एग को परिपक्व होने में पर्याप्त समय मिल जाता है। लेकिन पीरियड्स कम होने के कारण फर्टिलिटी कम होती है और महिला को प्रेग्‍नेंसी में परेशानी आ सकती है।
इन बातों को ध्‍यान में रखेगी तो आपको कभी नहीं होगी प्रेग्‍नेंट होने में प्रॉब्‍लम।
Image Courtesy: Shutterstock.com & Imagebaazar.com

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