वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी मेटाबॉलिज्म का तेज होना है। अगर मेटाबॉलिज्म सुस्त होता है, तो मोटापा बढ़ने लगता है। कुछ लोग हेल्दी और कम डाइट लेने के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पाते हैं। वहीं, कुछ लोग ज्यादा खाने के बाद भी वेट लॉस कर लेते हैं। इसके पीछे सीधी सी वजह मेटाबॉलिज्म होता है। जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म सुस्त होता है, उनका वजन भी बढ़ने लगता है और डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं भी होने लगती हैं। अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी का कम होना, स्ट्रेस, नींद की कमी और भी कई ऐसी चीजें हैं, जिनके चलते मेटाबॉलिज्म सुस्त होने लगता है।
मेटाबॉलिज्म ही हमारे खाने को पचाकर उससे शरीर में एनर्जी देने का काम करता है। लेकिन अगर मेटाबॉलिज्म स्लो होता है, तो खाना ठीक से नहीं पचता है, शरीर को पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती है और फैट जमने लगता है। इस बारे में हमने न्यूट्रिशनिस्ट सिमरन कौर से बात की और उनसे जाना कि किन 6 तरीकों की मदद से मेटाबॉलिज्म को तेज किया जा सकता है?
हेल्दी डाइट लें
मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने के लिए हेल्दी डाइट लें। डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, कार्ब्स और साबुत अनाज को भी शामिल करें। अक्सर लोग वजन बढ़ने के डर से कार्ब्स खाना छोड़ लेते हैं लेकिन बैलेंस डाइट में कार्ब्स को भी जरूर शामिल करना चाहिए। डाइट में प्रोटीन रिच फूड्स भी लें।
नियमित एक्सरसाइज करें
मेटाबॉलिज्म के सुस्त होने का एक कारण, फिजिकल एक्टिविटी का कम होना है। अगर आप भी दिनभर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, और फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर है तो आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाएगा। इसे बूस्ट करने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज जरूर करें।
हाइड्रेट रहें
पानी न पीना बहुत सारी बीमारियों की जड़ है। अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, मेटाबॉलिज्म (मेटाबॉलिज्म से जुड़ी जरूरी बातें) स्लो है, तो इसे ठीक करने की सबसे बड़ी कुंजी शरीर को हाइड्रेट रखना है। पानी सही मात्रा में पिएं जिससे डाइजेशन भी सही रहे और टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकलते रहें।
हल्दी वाला पानी पिएं
हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज कर वजन कम करने में मदद करती है। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी में भी सुधार होता है। सुबह के वक्त हल्दी और काली मिर्च डालकर पानी पिएं।
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नींद पूरी करें
ज्यादातर लोग आज की भागदौड़ से भरी जिंदगी में पूरी नींद नहीं ले पा रहे हैं। लेकिन हेल्दी रहने के लिए नींद पूरी होना जरूरी है। जब नींद पूरी नहीं होती है तो भी मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है।
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स्ट्रेस को मैनेज करें
स्ट्रेस की वजह से मेटाबॉलिज्म स्लो होता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन की अधिकता हो जाती है। इससे डाइजेशन पर भी असर पड़ता है। तनाव को दूर करने के लिए योग और प्राणायाम का सहारा लें।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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