क्या आपको पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या है?
क्या आपके पीरियड्स में ब्लीडिंग बहुत कम होती है?
क्या पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं?
क्या 2-3-4-5-6-9 महीने या बिना गोली के पीरियड्स नहीं होते हैं? तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस आर्टिकल में बताया नुस्खा आपकी मदद कर सकता है। इस आयुर्वेदिक नुस्खे की जानकारी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने इंस्टाग्राम के माध्यम से फैन्स के साथ शेयर की है।
एक्सपर्ट का कहना है, 'हार्मोनल गोलियां आपकी हेल्थ (शारीरिक और मानसिक) को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। हार्मोन को संतुलित करने के लिए हार्मोनल गोलियों की जगह नेचुरल चीजों का चुनाव करें। इससे हार्मोनल गालियों के कारण होने वाली समस्याएं जैसे वजन का बढना, मूड स्विंग्स, अनिद्रा और डिप्रेशन जैसे लक्षण भी दिखाई नहीं देते हैं।'
अगर आप भी इन पीरियड्स से जुड़ी इन समस्याओं से परेशान हैं तो इस नुस्खे को जरूर आजमाएं। आइए इसे बनाने और लेने के तरीके और साथ ही इसके फायदों के बारे में आर्टिकल के माध्यम से विस्तार से जानें।
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आप हर महीने अपने पीरियड्स के दूसरे दिन से आखिरी दिन तक इस मिश्रण को ले सकती हैं और पीरियड्स खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू कर सकती हैं।
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यह आयुर्वेदिक मिश्रण तिल, मेथी और अलसी से बना है जो पीरियड्स में कम ब्लीडिंग की समस्या के साथ-साथ पीरियड्स देरी से आने की समस्या में आपकी मदद करेगा। इसके अलावा-
तिल के बीज इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करते हैं और जिंक से भरपूर होते हैं जो प्रोजेस्टेरोन को बेहतर बनानेमें मदद करते हैं। यह प्रकृति में गर्म होते हैं और एक्सट्रा कफ (पीरियड्स में देरी के लिए जिम्मेदार) को कम करके आपके पीरियड को नियंत्रित करते हैं।
मेथी के बीज फाइटोएस्ट्रोजेन (आइसोफ्लेवोन्स) से भरपूर होते हैं जो एस्ट्रोजन लेवल पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एंडोमेट्रियम की मोटाई में सुधार करने में मदद करते हैं जो पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह इंसुलिन स्पाइक्स को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही हेल्दी वेट लॉस में भी मदद करते हैं।
तिल न केवल अनियमित पीरियड्स में मदद करता है बल्कि आपको स्मूथ और दर्द रहित पीरियड्स में भी मदद करता है।
अलसी के बीज बालों के झड़ने और गंजेपन के लिए जिम्मेदार एण्ड्रोजन लेवल को नियंत्रित/कम करने में आपकी मदद करते हैं। यह आपके पीरियड्स को मैनेज करने के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद करते हैं।
नियमित रूप से अलसी खाने से पीरियड्स के दौरान ओव्यूलेशन प्रक्रिया को नियमित करने में मदद मिलती है। लिग्नांस की हाई सामग्री एस्ट्रोजेन के हाई लेवल को कम करने में मदद करती है और कम एस्ट्रोजन के लेवल को भी बढ़ावा देती है।
यदि आप इसे हेल्दी लाइफस्टाइल (रेगुलर एक्टिविटी, अच्छी नींद, हेल्दी भोजन, तनाव मैनेज) के साथ शामिल करते हैं तो यह आपको प्रभावी रिजल्ट देगा।
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साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए इसे शुरू करने से पहले एक बार आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें।
अगर आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock & Freepik
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