तेल मालिश करना हमारे शरीर को पोषण देने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे बॉडी का सर्कुलेशन बढ़ता है, मसल्स की कमजोरी दूर होती है, शरीर में ताकत महसूस होती है और हड्डियों मजूबत होती हैं। इसके अलावा तेल मालिश हमारे बालों और त्वचा के लिए भी बहुत अच्छी होती है। इससे त्वचा में ड्राईनेस दूर होती है, चमक आती है और झुर्रियों को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही यह बालों को भी मजबूत बनाता है, झड़ना रोकता है और बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है। इसलिए हमारे बुजुर्ग तेल मालिश करने की सलाह देते हैं। इसलिए आज हम आपको खुद की मालिश करने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नीति शेठ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इसके फायदों के बारे में बताया है। आइए इसके बारे में विस्तार से इस आर्टिकल के माध्यम से जानें।
एक्सपर्ट की राय
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आपने अभ्यंग और नास्य की आयुर्वेदिक प्रथाओं के बारे में सुना होगा। अभ्यंग (या मालिश) आयुर्वेद में एक प्रमुख दैनिक अभ्यास है - यह सर्कुलेशन में सुधार करता है, उम्र बढ़ने को धीमा करता है, वात को संतुलित करता है, भरपूर नींद लाने में मदद करता है और त्वचा को पोषण देता है। इसमें आपके शरीर के सभी पहलुओं पर धीरे-धीरे गर्म तिल के तेल की मालिश करना (तीनों गठन के लिए सबसे अच्छा), 10-15 मिनट की इंतजार करना और फिर नहाना शामिल हैं। आप सोच रही होंगी - यह सब करने के लिए इतना समय किसके पास है? हमारे व्यस्त आधुनिक जीवन में अभ्यंग के फायदों को महसूस करने में मदद करने के लिए आप कुछ टिप्स अपना सकती हैं।
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रोजाना मालिश करने की बजाय आप हफ्ते में एक बार खुद की पौष्टिक मालिश करने के लिए 20 मिनट निकालें। प्रतिदिन पूरे शरीर की मालिश करने के बजाय, शरीर के एक हिस्से को लेकर और प्रत्येक दिन उस पर फोकस करें। जैसे,
- सोम = पैर
- मंगल = हिप्स, पेट और पीठ के निचले हिस्सा
- बुध = चेस्ट और ऊपरी पीठ
- वीर = हाथ और कंधे
- शुक्र = गर्दन और कंधे
- शानि = सिर और चेहरा
जब रविवार आता है, तब तक आप पूरे शरीर की मालिश कर चुके होते हैं।
यहां एक तीसरा विकल्प है: अगर आपके पास पूर्ण शरीर की मालिश के लिए समय नहीं है तो इन तीन अंगों पर विशेष ध्यान दें:
सिर की मालिश (शिरोभ्यंग)
इसमें सिर के साथ चेहरे और स्कैल्प दोनों की मालिश शामिल है। यह समय से पहले बालों का सफ़ेद होना और झड़ना रोकता है, इन्द्रियों को पोषण देता है, सिरदर्द को रोकता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
मालिश करने का तरीका
- सबसे पहले बालों में तेल लगाएं।
- दोनों हाथों से पूरे सिर की धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से मालिश करें।
पैरों की मालिश (पादाभ्यंग)
यह थकान को दूर करने, दृष्टि में सुधार और वात को स्थिर करने में मदद करता है। आयुर्वेद में पैरों का बहुत अधिक महत्व होता है। पैर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी नसों का अंतिम हिस्सा पैरों में होता है। पैरों की मालिश मात्र से आप संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदे पा सकती हैं।
मालिश करने का तरीका
- मालिश करने के लिए तेल को हल्का गुनगुना करके पैरों पर छोड़ें।
- अब पैरों, टखने, जोड़ों और तलवे पर अच्छी तरह से हलके हाथों से प्रेशर देते हुए मालिश करें।
- कम से कम 20 मिनट तक करें।
कानों की मालिश (कर्णभ्यंग)
यह भी वात को संतुलित करने में मदद करता है, मन को शांत करता है और जबड़े और गर्दन में दर्द और जकड़न में मदद करता है।
मालिश करने का तरीका
- थोड़ा सा तेल लेकर कर्ण पल्लव की अच्छे से मालिश करें।
- लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यह आपके कान के अंदर न जाएं।
आप भी शरीर की मालिश करके हेल्थ से जुड़े कई फायदे पा सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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Image credit: Freepik.com
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