हल्दी एक ऐसा मसाला है, जिसे हर भारतीय किचन में इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि यह आपके खाने के स्वाद को बढ़ाता है। हालांकि, इसका लाभ सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। यह औषधीय गुणों से युक्त है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं, हल्दी का सेवन करने से व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
इन्हीं में से एक है थायरॉयड की समस्या। एक बार थायरॉयड हार्मोन के असंतुलित हो जाने पर व्यक्ति को दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। हालांकि, अगर दवाई के साथ-साथ हल्दी को भी डाइट में शामिल किया जाए तो इससे व्यक्ति को अतिरिक्त लाभ मिल सकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि थायरॉयड रोगियों के लिए हल्दी का सेवन किस प्रकार लाभदायक है-
इम्यून सिस्टम को करता है बूस्ट
हल्दी की जड़ और पौधे का एक लाभ यह भी होता है कि यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। ऑटोइम्यून बीमारियों में व्यक्ति का शरीर थायरॉयड सहित अपने ही अंगों पर हमला करता है। जब ऐसा होता है, तो शरीर सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है। लेकिन जब आप हल्दी को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो ऐसे में इम्युन सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है। इससे व्यक्ति ऑटोइम्यून बीमारियों से बच सकता है। साथ ही, हल्दी लेने से इसमें मौजूद करक्यूमिन भी थायरॉयड में आपको लाभ पहुंचाता है।
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करक्यूमिन से मिलता है लाभ
हल्दी में करक्यूमिन एक प्राकृतिक पॉलीफेनोलिक यौगिक है। इसे कई हर्बल दवाओं में एक एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। लेकिन कुछ अध्ययन बताते हैं कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन थायरॉयड कैंसर को बिगड़ने से रोक सकता है। अध्ययन के अनुसार, करक्यूमिन थायरॉयड रोगियों में ट्यूमर के विकास और प्रसार को दबा देता है। जिससे व्यक्ति की स्थिति और भी अधिक खराब होने से बच सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखें कि अगर थायरॉयड रोगी हल्दी का सेवन कर रहे हैं तो ऐसे में वे अपनी दवाइयों को स्किप नहीं कर सकते हैं।(इन 3 तरह के बीज से ठीक रखें अपनी हार्मोनल हेल्थ)
कॉग्निटिव फंक्शन होता है बेहतर
अगर आप हाइपोथायरॉयडिज्म से पीड़ित हैं तो ऐसे में व्यक्ति को याददाश्त और कॉग्निटिव स्किल्स से जुड़ी समस्या हो सकती हैं। खासतौर से, अगर आपको लंबे समय से थायरॉयड की समस्या है तो ऐसे में आपकी मेमोरी पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। लेकिन अगर आप हल्दी का सेवन करते हैं तो इससे आपको थायरॉयड में तो लाभ मिलता है ही, साथ ही साथ थायरॉड से जुड़ी अन्य समस्याओं जैसे कॉग्निटिव स्किल्स को भी बेहतन बनाने में मदद मिलती है। हल्दी में मौजूद एक्टिव इंग्रीडिएंट करक्यूमिन ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर के लेवल को बढ़ाता है। इससे आपकी मेंटल हेल्थ को लाभ मिलता है। (जिंक की कमी को दूर करने के उपाय)
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इंफ्लेमेशन होता है कम
नियमित रूप से हम कई तरह के हैवी मेटल टॉक्सिन का सामना करते हैं। यह आपके हार्मोन को बाधित कर सकता है और आपके थायरॉयड में सूजन बढ़ा सकता है। इससे लड़ने का एक सबसे अच्छा तरीका हल्दी और करक्यूमिन के साथ सप्लीमेंट लेना है। यह आपके हार्मोन को संतुलित करने और सूजन को कम करने के अलावा, यह आपके शरीर को इन विषाक्त पदार्थों से तेजी से छुटकारा दिला सकता है। इससे व्यक्ति को थायरॉयड में आराम मिलता है।
यूं तो हल्दी का सेवन थायरॉयड रोगियों के लिए काफी अच्छा है, लेकिन फिर भी इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डायटीशियन से सलाह अवश्य लें। कुछ खास स्थितियों में हल्दी का सेवन आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।
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Image Credit- freepik
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