गर्भावस्था यानी कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे नींद न आने की समस्या, कब्ज की समस्या, पेट में कभी -कभी दर्द की समस्या, उल्टी, चक्कर आदि। इन सभी समस्याओं के अलावा भी प्रेग्नेंट महिलाएं एक बड़ी समस्या का सामना करती हैं जिसे एंग्जाइटी या चिंता कहा जाता है। ये एक ऐसी समस्या है जो लगभग हर प्रेग्नेंट महिला को होती है। कभी अपने बच्चे के भविष्य के बारे में चिंता करना, तो कभी अपनी सेहत का ख्याल अक्सर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान चिंता का विषय होता है।
ये समस्या कई बार इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि महिलाओं को इससे बाहर आने में काफी समय लग जाता है। लेकिन इस समस्या से बाहर आना बहुत जरूरी है जिससे प्रेग्नेंट महिला और उसके होने वाले बच्चे की सेहत पर कोई बुरा असर न पड़े। आइए सी के बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम की वरिष्ठ स्त्री रोग और प्रसूति रोग विशेषज्ञ, डॉ अरुणा कालरा से जानें प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली एंग्जायटी से बचने के कुछ उपायों के बारे में।
प्रेग्नेंसी में एंग्जाइटी के कारण
डॉक्टर अरुणा कालरा बताती हैं कि गर्भावस्था मां और पूरे परिवार के लिए एक रोमांचक समय होता है और हर एक प्रेग्नेंट महिला बच्चे के आने की पूरी तैयारी में व्यस्त होती है। जहां एक तरफ महिलाओं को बच्चे के किक करने और फड़फड़ाहट के दौरान अच्छा और खुशी महसूस होती है और उनके बदलते शरीर की प्रशंसा हो सकती है वहीं कुछ महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान चिंता या एंग्जायटी भी हो सकती है। इसकी वजह से शरीर में बदलाव से लेकर मूड में बदलाव, थकान और लगातार चिंताएं भी आ शामिल हैं। गर्भावस्था के दौरान एंग्जायटी या चिंता शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण होती है। पूर्व गर्भपात और नींद की कठिनाई भी गर्भावस्था के दौरान एंग्जायटी का कारण हो सकती है।
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एंग्जाइटी के लक्षण
एंग्जाइटी के मुख्य लक्षणों में से कुछ नीचे बताए जा रहे हैं -
- दिल की धड़कन का लगातार तेज होना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- पैनिक अटैक होना
एंग्जाइटी से छुटकारा पाने के उपाय
खुद को शारीरिक एंग्जाइटी से छुटकारा पाने के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं को शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें अच्छा महसूस होने के साथ शरीर को फिट रखने और एंग्जाइटी से दूर रखने में मदद करेगा। खुद को साधारण शारीरिक गतिविधियों या प्रेग्नेंसी एक्ससरसाइज़ में शामिल करने की कोशिश करें। यदि आपकी गर्भावस्था जटिल है, तो किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि से पहले अपने डॉक्टर से पूछना न भूलें।
अच्छी नींद लें
किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी होती है। किसी भी अवस्था में नींद शरीर को शांत करने में मदद करती है। यह मानसिक चिंताओं को कम करने में मदद करती है। इसलिए एंग्जायटी से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान आपको कम से कम 8 -10 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
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योग और मेडिटेशन करें
प्रेग्नेंसी के दौरान विश्राम तकनीकों का अभ्यास करने से आप बहुत जल्द किसी भी तरह की चिंता से छुटकारा पा सकती हैं। इन तकनीकों का लाभ आप प्रसव के बाद भी जारी रख सकती हैं। ये स्वास्थ्य शरीर के साथ मन की शांति के लिए भी अच्छा अभ्यास है।
समस्याओं के समाधान का नोट बनाएं
यदि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको एंग्जाइटी महसूस होती है तो अपने दिनभर की गतिविधियों और चिंताओं के बारे में लिखकर नोट या डायरी तैयार करें। अपनी समस्याओं को लिखने से आपको इसके लिए बेहतर समाधान खोजने में मदद मिलेगी। यह आपको अपनी चिंताओं पर प्रतिबिंबित करने की भी अनुमति देगा। लिखित रूप में समस्याओं को सामने लाकर आपके दिमाग और शरीर को भी आराम मिलेगा।
यहां बताई गयी सभी युक्तियों को ध्यान में रखकर आप प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली एंग्जाइटी की समस्या से छुटकारा पा सकती हैं और स्वास्थ्य शरीर के साथ स्वास्थ्य शिशु को जन्म दे सकती हैं।
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Image Credit: freepik
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