जब भी हम किसी तरह के एडिक्शन की बात करते हैं तो अधिकतर उन्हें लेकर घबराहट, चिंता और सामाजिक तौर पर उसका बहिष्कार देखते हैं, लेकिन कई एडिक्शन ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं और समाज में तो वो बहुत ही अच्छे से स्वीकार किए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर सिगरेट और शराब की लत बुरी है, लेकिन चाय या कॉफी की लत को एक्सेप्ट कर लिया जाता है। ऐसे ही ऑनलाइन वीडियो गेम्स को खेलना एडिक्शन माना जाता है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग के एडिक्शन की बात ज्यादा नहीं की जाती है।
ऑनलाइन शॉपिंग करना भी एक तरह का एडिक्शन है और ये सबसे ज्यादा एक्सेप्टेबल एडिक्शन में से एक माना जाता है।
एड्स भी बनाए जाते हैं और टेक कंपनियां बाकायदा एल्गोरिदम बनाती हैं जिससे हमें ऐसे ही एड्स दिखें जो हमारे इस एडिक्शन को और बढ़ा सकें। पर क्या ये एडिक्शन खतरनाक भी साबित हो सकता है और कैसे इसका हल निकाला जाना चाहिए? इस बारे में जानने के लिए हमने डॉक्टर समीर पारिख से बात की। डॉक्टर समीर फोर्टिस नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के डायरेक्टर और एक जाने माने साइकिएट्रिस्ट हैं।
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ऑनलाइन शॉपिंग भी होता है एडिक्शन?
इस मामले में डॉक्टर समीर पारिख का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग भी उसी तरह का एक एडिक्शन है जैसा हम ऑनलाइन गेमिंग को मानते हैं।
इसके बारे में बात करते हुए हमें कुछ बातों को समझना होगा-
- हम तुरंत पेमेंट नहीं करते हैं इसलिए हमें ये इल्यूजन होता है कि पैसे खर्च नहीं होते।
- इसलिए ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा हो जाता है। कई बार यही कारण होता है कि हम ज्यादा शॉपिंग कर लेते हैं।
- ये बहुत ज्यादा एक्सेसिबल हो गया है। एक ही क्लिक पर हमें बहुत कुछ मिल जाता है। हमारे सामने बहुत सारी च्वाइस है और इसलिए कई बार बिना जरूरत के भी चीज़ें खरीद ली जाती है।
- खुद के लिए चीज़ें खरीदने को लेकर एक डोपामाइन इफेक्ट होता है। यानी हमें खुशी होती है और इसलिए भी कई बार लोगों की ऐसी आदत हो जाती है।
जब आप बिना जरूरत के भी चीज़ें खरीदने लगें तब ये समझिए कि ये शॉपिंग एडिक्शन हो गया है। आपके घर में जरूरत से ज्यादा शॉपिंग पार्सल आने लगे हैं और आपके शॉपिंग कार्ट में बहुत सारी चीज़ें मौजूद हैं और आपके पास इतना सामान है जिसे रखने की जगह भी नहीं है। ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए कि ये शॉपिंग एडिक्शन है।
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शॉपिंग एडिक्शन है तो क्या करें?
अगर आपको शॉपिंग एडिक्शन हो रहा है और ये समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए तो डॉक्टर समीर पारिख की बताई हुई कुछ टिप्स फॉलो की जा सकती हैं।
1. कार्ड सेव करके ना रखें-
सबसे पहले तो आप अपने शॉपिंग प्रोसेस को थोड़ा मुश्किल बनाएं। ना तो कार्ड सेव करके रखें और ना ही शॉपिंग साइट्स या एप्स को वॉलेट्स से लिंक करें। पेमेंट के तरीके को मुश्किल बनाएं। अगर आपने पहले से ही कार्ड्स सेव कर रखे हैं तो उन्हें हटा दें।
2. बजट लेकर ही चलें-
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय बजट बना लें कि इससे ज्यादा एक महीने में नहीं खर्च करना है। अगर आप ज्यादा खर्च करते हैं तो उसका भी ट्रैक रखें और कोशिश करें कि ऐसे में आप सामान रिटर्न भी कर दें।
3. जो जरूरत ना हो उसे ना खरीदें-
जो कुछ भी आपको खरीदने का मन कर रहा है उससे पहले एक लिस्ट तैयार करें और जानें कि क्या इसकी आपको जरूरत है या फिर बस ये आप इसलिए खरीद रहे हैं क्योंकि आपको ये अच्छा लग रहा है। बिना जरूरत खरीदारी से हमेशा बचे रहें।
4. ट्रैक रखें-
आपने पूरे महीने में कितनी शॉपिंग की है उसका ट्रैक जरूर रखें। ध्यान दें कि आपका मंथली बजट ऑनलाइन शॉपिंग से बिगड़ रहा है या नहीं।
5. अगर नहीं हो रहा कंट्रोल तो?
अगर आप इन सबके बाद भी कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं तो अपने घर परिवार वालों से बात करें, दोस्तों से सलाह लें और अगर बिल्कुल सुधार नहीं आ रहा है तो डॉक्टर से बात करने की कोशिश करें। एक एक्सपर्ट सही तरह से आपको सलाह जे सकता है।
ये सारी टिप्स आपकी मदद कर सकती हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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