क्या आपको वेजाइना में खुजली होती है?
क्या आपको यूरिन लिकेज की समस्या है?
क्या पीरियड्स में भयंकर दर्द होता है?
अगर आप भी ऐसी ही महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें वेजाइना से जुड़ी समस्याएं परेशान करती हैं, तो आपको अपनी वेजाइना की हेल्थ का ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको वेजाइना को हेल्दी रखने वाले 7 टिप्स के बारे में बता रहे हैं। इसकी जानकारी योग एक्सपर्ट जूही कपूर ने शेयर की हैं। लेकिन, सबसे पहले हम आपके साथ हेल्दी वेजाइना के कुछ लक्षण शेयर कर रहे हैं।
वेजाइना के बाहरी हिस्से को गर्म पानी से धीरे से साफ करें। हार्श साबुन का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि इससे वेजाइना का नेचुरल पीएच बैलेंस बिगड़ सकता है।
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वेजाइना में परफ्यूम वाले प्रोडक्ट्स या हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि इससे प्राइवेट पार्ट में जलन हो सकती है।
सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करें और सेक्सुअल हेल्थ के बारे में पार्टनर के साथ खुलकर बात करें।
वेजाइना की हेल्थ को बनाए रखने के लिए कॉटन के अंडरवियर चुनें। साथ ही, एयरफ्लो को बनाए रखने और नमी को कम करने के लिए टाइट-फिटिंग के कपड़े पहनने से बचें। इस तरह के कपड़ों से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
मिर्च-मसाले वाले फूड्स से एसिडिटी की समस्या होती है, जिससे वेजाइना का पीएच बैलेंस बिगड़ता है। इस तरह के फूड्स खाने से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ता है।
बैलेंस डाइट से वेजाइना की हेल्थ अच्छी रहती है। सब्जियों और फलों में पाए जाने वाले फाइबर शरीर में गुड बैक्टीरिया पैदा करते हैं, जो वेजाइना की सेहत का ध्यान रखते हैं। साथ ही, सही हाइड्रेशन शरीर ही नहीं, वेजाइना की हेल्थ के लिए भी जरूरी है। इसलिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
वेजाइना की हेल्थ का ध्यान रखने और किसी भी समस्या से बचने के लिए रेगुलर गायनेकोलॉजिस्ट के पास चेकअप के लिए जाएं।
योगासन को अपने डेली रूटीन में शामिल करने से पेल्विक फ्लोर की ताकत बढ़ती है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे वेजाइना की हेल्थ अच्छी रहती है। इसलिए इन 2 योगासनों को रोजाना जरूर करें।
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इस मुद्रा का मलासन इसलिए कहते है, क्योंकि इसे करते समय शरीर की आकृति मल त्याग करने जैसी हो जाती है। इसे रोजाना करने से पेल्विक एरिया की मसल्स मजबूत होती हैं। साथ ही, पेट से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और पैरों और जांघों की चर्बी कम होती है।
इस मुद्रा को उत्कट कोणासन के नाम से भी जानते हैं। ये संस्कृत के तीन शब्दों उत्कट, कोण व आसन से मिलकर बना है। इसे करने से पेल्विक एरिया की मसल्स मजबूत रहती हैं और पेट, पैरों और जांघों की हेल्थ दुरुस्त रहती है।
आप भी इन टिप्स को आजमाकर वेजाइना को हेल्दी रख सकती हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे लाइक और फेसबुक पर शेयर जरूर करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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