PCOD को अगर आप सिर्फ अनियमित पीरियड्स या फर्टिलिटी से जुड़ी एक हेल्थ कंडीशन समझते हैं, तो आप सही नहीं है। PCOD में महिलाओं को और भी कई दिक्कतें होती हैं। यह फर्टिलिटी और पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों से कहीं ज्यादा है। इसमें महिलाओं के शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है, एक्ने होते हैं, एनर्जी लेवल पर असर होता है और उनकी मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होती है। इसमें महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन टेस्टेस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाती है और ओवरीज में लिक्विड से भरे छोटे-छोटे सिस्ट (पॉलीसिस्ट) बन जाते हैं। इसकी वजह से ओव्युलेशन और एग क्वालिटी पर भी असर होता है। इसका असर इंसुलिन रेजिस्टेंस पर भी होता है और वजन भी बढ़ने लगता है। इसे मैनेज करने के लिए दवाइयों के साथ, सही डाइट, एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल भी बहुत जरूरी है। PCOD में महिलाओं को खान-पान और जीवनशैली का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके लक्षणों को मैनेज करने, हार्मोनल इंबैलेंस और वजन को कम करने में एक्सपर्ट के बताए टिप्स मदद कर सकते हैं। इस बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर नीतिका कोहली जानकारी दे रही हैं। उन्होंने आयुर्वेद में एमडी किया है और उन्हें इस फील्ड में लगभग 17 सालों का अनुभव है।
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PCOD के लक्षणों को मैनेज करने में ये टिप्स मदद कर सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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