इन बीमारियों में हाथ-पैर पड़ जाते हैं सुन्न, समय रहते नहीं हुई पहचान तो इलाज में होंगे लाखों खर्च

हाथ-पैर में सुन्नता, घातक बीमारियों का लक्षण हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना सेहत के साथ खिलवाड़ करने के समान है। इसलिए समय रहते इसकी मूल वजह की पहचान और उपचार जरूरी है।

 
diseases that causes numbness in hands and feets

सामान्य जीवन के लिए हाथ-पैर का सही से काम करना बेहद जरूरी है, पर कई बार हम जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनके कारण हाथ-पैर कमजोर पड़ जाते हैं। खासकर हाथ-पैर में आई सुन्नता अपने आप में एक बेहद गंभीर स्थिति है, जो घातक बीमारियों का लक्षण हो सकता है। इसलिए समय रहते इसकी पहचान जरूरी है और यहां हम आपको इसी संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।

गौरतलब है कि अगर समय पर इलाज मिल जाए तो गंभीर बीमारियों का जोखिम काफी हद तक कम होता है। हाथ-पैरों की सुन्नता के संबंध में भी यही बात लागू होती है। समय रहते ही इसकी असल समस्या की पहचान जरूरी है। इसलिए उन समस्याओं के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है, जिनके कारण हाथ-पैर में सुन्नता की समस्या आती है। बता दें कि हमने इस बारे में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंकित गुप्ता से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

डॉ. अंकित गुप्ता बताते हैं कि हाथ-पैरों या शरीर के किसी भी अंग में सुन्नता नर्व के डैमेज होने की स्थिति में होती है। ऐसी स्थिति किसी एक नर्व के दबने या क्षतिग्रस्त होने से भी हो सकती है या बहुत सारे नर्व के प्रभावित होने से। हमारे शरीर में लगभग 96 हजार किलोमीटर की तंत्रिका तंत्र कार्य करती है, जिससे शरीर के अलग-अलग हिस्सों और अंगों को सिग्नल पहुंचते हैं और वे कार्य करते हैं।

diseases that causes numbness in hands

दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड के हिस्से में जब कोई नर्व डैमेज होता है तो सिग्नल टूटने के कारण हाथ और पैरों में सुन्नता आ जाती है। ऐसे में सुन्नता के साथ कई बार हाथ-पैर में झनझनाहट और दर्द भी महसूस हो सकता है। अब बात करते हैं कि कौन-कौन सी समस्याओं में ऐसी स्थिति बन सकती है।

मल्टीपल स्क्लेरोसिस

मल्टीपल स्केलेरोसिस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ी घातक स्थिति है, जिसमें दिमाग, रीढ़ की हड्डी और ऑप्टिकल यानी आंख की तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में मांसपेशियों में कमजोरी के साथ ही शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सुन्नता उत्पन्न हो जाती है। बात करें इसके लक्षणों की तो हाथ-पैर में सुन्नता के साथ ही थकान और चक्कर आना, याददाश्त का कमजोर पड़ना और चेहरे की तंत्रिकाओं में दर्द महसूस होना भी शामिल है।

ब्रेन ट्यूमर

ब्रेन ट्यूमर की स्थिति में भी हाथ- पैर सुन्न पड़ सकते हैं या उनमें झनझनाहट महसूस हो सकती है। दरअसल, ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क और संवेदी रिसेप्टर्स तंत्रिकाओं के मार्ग को अवरुद्ध कर सकता है, ऐसी स्थिति में सिग्नल के टूटने के कारण हाथ-पैर या शरीर के दूसरे हिस्से काम करना बंद कर देते हैं।

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डायबिटीज न्यूरोपैथी

शरीर में ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर तंत्रिकाओं को भी क्षति पहुंचाता है, जिसके कारण हाथों और पैरों की सुन्नता की स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को असामान्य रूप से प्यास लग सकती है या अधिक यूरिन आने की दिक्कत पेश आ सकती कती है। इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आएं तो अपने ब्लड शुगर की जांच जरूर करवाएं। वरना आगे चलकर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

कार्पल टनल सिंड्रोम

कार्पल टनल सिंड्रोम भी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या है, जिसके कारण हाथों में सुन्नता, आती है। असल में ऐसा तब होता है जब हाथ की प्रमुख नसों में से कोई एक दब जाती है। ऐसे में समय रहते इसका उपचार जरूरी है, वरना आगे चलकर स्थिति गंभीर हो हो सकती है। इसके कारण हाथ और उंगलियां पूरी तरीके से काम करना बंद कर सकती हैं।

किडनी की बीमारी

किडनी डैमेज होने या उसमें आई खराबी के चलते भी हाथ-पैर की सुन्नता की हो सकती है। दरअसल, किडनी हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। पर इसके खराब होने की स्थिति में जब विषाक्त पदार्थ सही से बाहर नहीं निकल पाते हैं तो वो तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में हाथ और पैर में झनझनाहट और सुन्नता हो सकती है।

बता दें कि अल्होकल के अधिक सेवन के परिणामस्वरूप भी हाथ-पैर में सुन्नता आ सकती है। वहीं कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी हाथ-पैर में सुन्नता की स्थिति देखने को मिलती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो हाथ-पैर में सुन्नता आना, घातक बीमारियों का लक्षण हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना सेहत के साथ खिलवाड़ करने के समान है। इसलिए समय रहते इसकी मूल वजह की पहचान और उपचार जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।

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Image Credit: Freepik

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