किचन को अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी माना जाता है। भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों से लेकर बर्तन तक सभी का आपकी हेल्थ पर असर पड़ता है। पुराने समय में लोग भोजन पकाने व खाने के लिए मिट्टी, आयरन और तांबे जैसे बर्तनों का इस्तेमाल करते थे लेकिन बदलते समय के साथ इनकी जगह स्टील, नॉन स्टिक और कांच के बर्तनों ने ले ली। जी हां खाना पकाने के लिए इस नए युग और आधुनिक जीवन शैली में लोग आसानी से नॉन-स्टिक और ग्लास कुकवेयर का उपयोग करते हैं। ये उपयोग करने में आसान हो सकते हैं, लेकिन बिल्कुल भी हेल्दी नहीं हैं। आयुर्वेद प्रतिदिन भोजन पकाने के लिए प्रयुक्त धातुओं को अत्यधिक महत्व देता है और आधुनिक खाना पकाने के लिए नए बर्तनों के बावजूद पुराने बर्तन सबसे अच्छे माने जाते हैं। हालांकि कुछ धातुएं आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं लेकिन दूसरी कुछ नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। क्या सच में बर्तनों का हमारी हेल्थ पर असर पड़ता है और कौन सी धातु के बर्तन में खाना पकाने और खाने से कौन सा दोष दूर होता है? इस बारे में विस्तार से आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अबरार मुल्तानी जी से जानें।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अबरार मुल्तानी जी का कहना है कि ''जबकि आधुनिक लाइफस्टाइल ने हमें अधिक सुविधाजनक स्टील, ग्लास और नॉन-स्टिक कुकवेयर की ओर मोड़ दिया है, लेकिन पुराने बर्तनों को आज भी अपने चिकित्सीय लाभों के लिए जाना जाता है, चाहे आप उन्हें खाना पकाने के लिए उपयोग करें, या अपने भोजन को खाने के लिए। हालांकि ग्लास और स्टील फिर भी ठीक हैं, लेकिन नॉन-स्टिक पैन आपकी त्वचा की हेल्थ लिए हानिकारक हो सकते हैं। नॉन स्टिक पैन से निकलने वाले केमिकल मुंहासे जैसी स्थितियों का कारण बन सकते हैं। हालांकि पूरी तरह से अपने कुकवेयर को बदलना आपके लिए असुविधाजनक होगा। लेकिन आप हेल्दी और लंबा जीवन जीने के लिए अपनी रसोई घर में अभी भी कुछ शुद्ध धातुओं को शामिल कर सकती हैं।'' आइए आज ऐसी ही कुछ धातुओं के बर्तन के फायदों के बारे में विस्तार से जानें।
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पीतल
कफ को नष्ट करता है और कीड़ों को नष्ट करता है। वायुदोष को दूर करता है। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व ही नष्ट होते हैं। लेकिन वात को बढ़ाता है।
कांसा
बुद्धि को प्रभावित करता है, भूख में सुधार और ब्लड को शुद्ध करता है। साथ ही यह रक्तपित को शांत रहता है। लेकिन कांसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं रखनी चाहिए। खट्टी चीजें इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती हैंंजो आपकी हेल्थ के लिए अच्छी नहीं होती हैंं। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल 3 प्रतिशत तक ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं।
सोना
शरीर में मौजूद दोषों को दूर करता है, दृष्टि में सुधार करता है और शरीर को पौष्टिक बनाता है। जी हां सोना एक गर्म धातु है। सोने के बर्तन में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते हैंं।
तांबा
तांबे के बर्तनों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह पाचन तंत्र में सुधार करता है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और घावों को तेजी से ठीक कर सकता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि तांबा आपके शरीर को डिटॉक्स कर सकता है और हीमोग्लोबिन बढ़ा सकता है। यह खाना पकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक लोकप्रिय धातु हो सकती है, लेकिन खाना पकाने या कुछ भी अम्लीय खाने से सावधान रहें क्योंकि यह भोजन के स्वाद को प्रभावित कर सकता है। तांबे के बर्तन में पकाना ठीक नहीं है उसमें भोजन खा सकते हैं या पानी पी सकते हैं। साथ ही एक बात हमेशा ध्यान रखें कि तांबे के बर्तन में कभी दूध नहीं पीना चाहिए, इससे शरीर को नुकसान होता है।
चांदी
दृष्टि में सुधार और दोषों को कम करती है। इसे एक कीमती धातु माना जाता है, चांदी में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह प्रकृति में शांत माना जाता है और इस प्रकार पित्त व्यक्तित्व वाले लोगों के लिए अच्छा माना जाता है। यह कहा गया है कि चांदी के बर्तन में खाना-पीना आपके स्वभाव को शांत कर सकता है और आपके रंग में सुधार कर सकता है। यह आपके मेटाबॉलिक सिस्टम और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है।
आयरन
आयरन सफलता का भरोसा दिलाता है, सूजन और एनीमिया का इलाज करता है, ताकत देता है और पीलिया के लिए एक उत्कृष्ट उपचार है। जी हां यह एक और कुकवेयर है जो सभी की रसोई में अत्यधिक लोकप्रिय है। इस लोकप्रियता के पीछे का कारण यह है कि यह हाई टेम्परेचर का सामना कर सकता है और इसका उपयोग ज्यादातर ऐसे भोजन बनाने के लिए किया जाता है जिनमें धीमी गति से खाना पकाने की आवश्यकता होती है। इस धातु का सामान्य उपयोग तवे और कड़ाही के रूप में होता है। यह आपके शरीर में आयरन को शामिल करने का एक उत्कृष्ट तरीका है और इसी कारण से अधिकांश हरी सब्जियों को लोहे के बर्तन में पकाया जाता है। लेकिन आपको इसमें भोजन को स्टोर नहीं करना चाहिए क्योंकि यह भोजन को तीखा स्वाद देता है। लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है।
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मिट्टी के बर्तन
मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते हैंं। इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी मान चुका है। आयुर्वेद के अनुसार भी अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकाना चाहिए। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में समय ज्यादा लगता है, लेकिन इससे हेल्थ को पूरा फायदा मिलता है। दूध और दूध से बने प्रोडक्ट के लिए मिट्टी के बर्तन सबसे उपयुक्त हैंं। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने और खाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। साथ ही मिट्टी के बर्तन में बने भोजन का स्वाद भी अलग ही होता है।
इसके अलावा लकड़ी के बर्तन भूख और कफ को बढ़ाते हैंं और क्रिस्टल शुद्ध और ठंडा होता है। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Image Credit: Freepik.com
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