जैसा कि हम एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, हम प्रामाणिक और शुद्ध सामग्री के लाभों को महसूस कर रहे हैं। ऐसा ही एक घटक घी है, जिसे 'स्वर्ण तेल' भी कहा जाता है। भारतीय रसोई में इस विशेष रत्न के असंख्य लाभ हैं और इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करना मुश्किल भी नहीं है। आपकी उम्र चाहे जो भी हो, एक दिन में एक चम्मच देसी घी आपके जीवन को काफी बेहतर बनाने वाला है और इससे आपके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सकता है।
आपके वर्कआउट विकल्पों के बावजूद, देसी घी एक अभूतपूर्व सामग्री है जिसका उपयोग विभिन्न घरेलू उपचारों में किया जा सकता है। जैसा कि हम घरेलू उपचार के बारे में बात कर रहे हैं, एक ऐसा उपाय है जिसमें आपकी नाक में गाय के देसी घी की सिर्फ दो बूंदें शामिल हैं। यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन इससे आपको बहुत सारे लाभ मिल सकते हैं।
जी हां भारतीय रसोई में घी का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि, हमें अंदर से हेल्दी बनाने के लिए भोजन का हिस्सा होने के अलावा घी के कई अन्य उपयोग भी हैं। आयुर्वेद का सुझाव है कि शुद्ध देसी गाय के घी का उपयोग मालिश और नाक में डालकर भी किया जा सकता है।
गाय के घी को नेज़ल ड्रॉप के रूप में इस्तेमाल करने के कई लाभ हैं जैसे माइग्रेन, तनाव सिरदर्द, याददाश्त और एकाग्रता की कमी का इलाज शामिल है।
आयुर्वेद में, मानव शरीर की तुलना एक उल्टे पेड़ से की जाती है, जहां ब्रेन जड़ों का प्रतीक है और शेष शरीर शाखाओं का प्रतीक है। 'जड़ों को पानी' या ब्रेन को पोषण देने का सबसे अच्छा तरीका नासिका मार्ग है। कोई भी दवा जो आप नासिका मार्ग से लेते हैं, सीधे आपके ब्रेन के उच्च केंद्रों पर काम करती है जो तंत्रिका संबंधी, अंतःस्रावी और संचार कार्यों को कंट्रोल करती है। इसलिए जब आप शुद्ध घी नाक में डालते हैं, तो यह ब्रेन, आंख, कान और गले को पोषण देता है।
नाक में घी ही क्यों?
घी आपके ब्रेन के लिए टॉनिक की तरह काम करता है, क्योंकि मानव ब्रेन 60% फैट है और घी में सभी आवश्यक फैटी एसिड होते हैं जो इसे पोषण देने के लिए आवश्यक होते हैं। ऐसा करने से आप तंत्रिका तंत्र में नई जीवन ऊर्जा का संचार कर रहे हैं, जो आपके एकाग्रता स्तर, ब्रेन के कार्य को बढ़ाने में मदद करता है और यह आपकी सीखने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
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शुद्ध घी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल भी होता है। घी का यह गुण आपकी गर्दन के ऊपर के सभी आंतरिक अंगों को डिटॉक्सीफाई करने में आपकी मदद करता है। क्या सच में नाक में घी डालना हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है? यह जानने के लिए हमने जीवा आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉक्टर प्रताप चौहान से बात की। तब उन्होंने हमें इसके बारे में विस्तार से बताया-
एक्सपर्ट की राय
नाक में घी डालने को आयुर्वेद की प्रक्रिया में 'नस्य' के नाम से जाना जाता है। नस्य महत्वपूर्ण पंचकर्मों में से एक है, जिसका उद्देश्य इंद्रियों के अंगों और सूक्ष्म न्यूरोएंडोक्राइन चैनलों के पूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नाक के अंदर विषाक्त पदार्थों को कम करना है।
यह नेजल मेम्ब्रेन में लुब्रिकेशन पैदा करता है। लुब्रिकेशन से इस हिस्से में नॉरिशमेंट मिलती है। इस तरह, यह नाक से जुड़े हिस्सों से लेकर गले तक, इम्यूनिटी को मजबूत करता है। जी हां, यह आपकी गर्दन की मसल्स, गले और नाक को लुब्रिकेशन देने में मदद करता है।
बाहर काफी डस्ट और प्रदूषण होता है और कई तरह के माइक्रोब्स होते हैं और जब हम नाक में घी डालते हैं तो काफी चीजें यहीं पर ट्रेप हो जाती हैं और वह गले और श्वसन तंत्र तक नहीं जाती हैं। साथ ही, नाक में छोटे-छोटे बालों का भी यही फंक्शन होता है कि वह किसी भी बाहरी चीजों को अंदर न जाने दें।
अपने नथुने की भीतरी दीवार पर घी की एक पतली परत लगाने से आप सांस लेने वाली हवा में मौजूद प्रदूषकों के प्रवेश को रोकेंगे। नस्य कर्म कहा जाता है, यह अभ्यास नाक के मार्ग को भी साफ करता है।
नाक को ब्रेन तक पहुंचने का रास्ता माना जाता है। आयुर्वेद में इसे मस्तिष्क का दरवाजा माना जाता है। जब हम नाक में घी डालते हैं तो इससे न केवल हमारे सेंस ऑर्गन नाक का नॉरिशमेंट होता है बल्कि यह ब्रेन तक जाकर हमारे ब्रेन के कार्यों के लिए भी अच्छा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि घी हमारे ब्लड ब्रेन बैरियर को क्रॉर्स करके ब्रेन तक जाता है।
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दो बूंदें आपके मूड को सही करने में आपकी मदद कर सकती हैं और आपको तनाव से भी छुटकारा दिला सकती है। साथ ही यह याद्दाश्त में सुधार और एकाग्रता में भी मदद कर सकता है।
नाक में घी कितना डालना चाहिए?
- छोटे बच्चों की नाक में 1-1 बूंदें डालें। अगर बच्चा नाक में घी डालने में आनाकानी करता है तो उंगली में घी लेकर उसकी नॉस्ट्रिल पर लगाएं।
- बड़े लोग हर नॉस्ट्रिल में 2-2 बूंदें डालें। लेकिन खाली पेट इसे डालना अच्छा रहता है। सुबह नाश्ते से एक घंटा पहले, शाम के समय या रात को सोते समय भी
- आप इसे नाक में डाल सकते हैं।
- अगर नाक में डालने से पहले इसे थोड़ा सा गर्म कर लिया जाए तो अच्छा रहता है क्योंकि इससे नाक के रास्ते खुल जाते हैं।
- इसे आप रोजाना रात को सोने से पहले नाक में डाल सकते हैं।
इस तरह से आप भी नाक में घी डालकर यह सारे फायदे पा सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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