राजधानी दिल्ली सहित आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का लेवल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आसमान में धुंध ही धुंध नजर आ रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर लेवल तक पहुंच गया है। आज सुबह AQI 400 से ज्यादा दर्ज किया गया है।
जहरीली हवा ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है। लोगों को सांसों और आंखों से जुड़ी शिकायतें हो रही हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों हो रहा है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) Aqicn.org के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक मापा गया, 3 नवंबर की सुबह आनंद विहार का AQI 999 था, जबकि नोएडा के सेक्टर 62 एरिया में यह 469 दर्ज किया गया। दिल्ली की कई जगहों पर AQI 500 से ज्यादा था।
AQI पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का बयान
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, प्रदूषण के बढ़ते लेवल को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 3 नवंबर को GRAP-3 को सख्ती से लागू करने की सलाह दी है। इससे पहले गोपाल राय ने बुधवार (1 नवंबर) को घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार उन क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाएगी, जहां लगातार 5 दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर रहेगा। दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 लागू कर दिया है। सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन के कामों और डीजल ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
प्रदूषित हवा फेफड़ों के साथ पूरे शरीर के लिए हानिकारक होती है। प्रदूषित वातावरण से बचाव के लिए आपको मास्क पहनाना होगा और घर के अंदर ज्यादा से ज्यादारहने की कोशिश करनी होगी। इसके साथ ही, कुछ आयुर्वेदिक चीजों को भी डाइट में शामिल करके वायु प्रदूषण के असर को कम किया जा सकता है। वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने वाले आयुर्वेदिक फूड्स के बारे में हमें फार्मासिस्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञ सिद्धार्थ एस. कुमार बता रहे हैं।
लहसुन
लगभग हर किचन में मौजूद लहसुन खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ हेल्थ को भी सही रखता है। यह फेफड़ों को टॉक्सिन्स और वायु प्रदूषण के हानिकारक असर से बचाता है। लहसुन में सल्फर की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर को डिटॉक्स करती है। इसके अलावा, इसमें एंटी-बायोटिक तत्व होते हैं, जो प्रदूषण से लड़ने में मददकरते हैं।
विधि
- लहसुन को आप किसी भी रूप में खा सकते हैं।
- पानी के साथ सुबह खाली पेट लहसुन की कली खाएं।
- इसे अपनी डाइट में शामिल करें।
अजवाइन
जब भी पेट में दर्द होता है, तब हमारे बुजुर्ग हमें अजवाइन खाने की सलाह देते हैं। यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और कब्ज के लिए रामबाण है। इसमें फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स के अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह फेफड़ों की सेहत के लिए भी अच्छी होती है। इससे फेफड़ों में वायु के प्रवाह में सुधार होता है। साथ ही, इसका एंटी-कफिंग प्रभाव सीने में जमा कफ से छुटकारा दिलाता है।
विधि
- अजवाइन को आप सब्जी, रोटी या पराठे में मिलाकर खा सकते हैं।
- इसे पानी के साथ उबालकर चाय की तरह भी पी सकते हैं।
हल्दी
सब्जी को रंग देने के अलावा, हल्दी शरीर को कई बीमारियों से बचाती है। साथ ही, औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को निकालती है और शरीर को डिटॉक्स करती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन वायु प्रदूषण के खतरनाक असर को कम करता है।
इसके अलावा, हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर में सूजनको कम करते हैं।
विधि
- हल्दी को आप दूध में मिलाकर पी सकते हैं।
- इसे पानी में उबालकर चाय की तरह भी लिया जा सकता है।
तुलसी
तुलसी की मदद से आप इम्यूनिटी को मजबूत कर सकते हैं। इससे कफ की परेशानी कम होती है। इसके अलावा, तुलसी वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करती है और फेफड़ों के संक्रमण को ठीक करती है।
इसके अलावा, तुलसी में मौजूद विटामिन-सी और मैग्नीशियम संक्रमण व एलर्जी से बचाते हैं।
विधि
- तुलसी का इस्तेमाल चाय या काढ़े के रूप में करें।
- अदरक के रस में तुलसी का रस और शहद मिलाकर लेने से फायदा होता है।
गुड़
यह प्रदूषण के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। गुड़ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और इसे कई तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गुड़ एक नेचुरल क्लींजिंग एजेंट है, जो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसमें एंटी-एलर्जिक गुण भी मौजूद होते हैं।
विधि
- रोजाना 1 टुकड़ा गुड़ खाएं।
- आप चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
शहद
शहद विटामिन-सी, डी, ई, के और बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसके अलावा, यह एंटी-ऑक्सीडेंट भी है, जो फेफड़ों के संक्रमण से लड़ता है।
विधि
- गर्म पानी में शहद मिलाकर पिएं।
- शहद को तुलसी पत्ते के साथ भी लिया जा सकता है।
आप भी इन आयुर्वेदिक चीजों की मदद से वायु प्रदूषण के असर को कम कर सकते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे लाइक और फेसबुक पर शेयर जरूर करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें
Image Credit: freepik and shutterstock
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