एक तो वैसे ही आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से हमारे अंदर स्ट्रेस, तनाव, एंग्जायटी पैदा हो रही है। दूसरी तरफ कोरोना काल है, जिसकी वजह से भी घर में बैठे-बैठे लोगों के अंदर तनाव बढ़ रहा है। कोरोना के बढ़ते मामले भी चिंता की विषय बन रहे हैं। इसकी वजह से जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसकी वजह से जितना इंफेक्शन की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं, उतना ही बीमार मानसिक रूप से हो रहे हैं। ऐसे में आर्ट थेरेपी लोगों को इस मुश्किल समय से उबारने में काफी मदद कर रही है। क्या है यह थेरेपी, आइए इसके बारे में जानें।
भावनाओं को अभिव्यक्त करना है आर्ट थेरेपी
कई बार ऐसा होता है कि हम अपनी भावनाओं को शब्दों में जाहिर नहीं कर पाते। जब आप अपनी भावनाओं को कला के माध्यम से अभिव्यक्त करते हैं, उसे आर्ट थेरेपी कहा जाता है। ड्रॉइंग, पेंटिंग, स्कल्पटिंग, स्केचिंग करके लोग अपनी दबी भावनाओं को जाहिर करते हैं। आर्ट थेरेपिस्ट पेंटिंग आदि में किए गए इन रंगों के आधार पर ऐसे इंसान के मन की दशा को समझते हैं। कुछ अध्ययन में देखा गया है कि मानसिक दबाव महसूस कर रहे लोगों को आर्ट थेरेपी से आराम मिल सकता है।
किन के लिए फायदेमंद
ऐसा नहीं है कि आर्ट थेरेपी बस वयस्कों के लिए ही फायदेमंद है। कई बार देखा गया है कि बच्चे भी तनाव के कारण किसी से कुछ नहीं कह पाते। ऐसे में वह रंगों का इस्तेमाल कर अपनी मनोदशा का हाल बयां करते हैं। यह आर्ट थेरेपी हर उस शख्स के लिए है, जो किसी वजह से अंदर ही अंदर घुटते हैं और जिनके अंदर स्ट्रेस और एंग्जायटी घर कर लेती है। अपनी बातों को जताने के लिए आर्ट थेरेपी एक अच्छा तरीका है। क्या हैं इनके फायदे आएं देखें-
स्ट्रेस के लिए
आप एक पेपर और पेंसिस उठाइए और जो भी मन में आए उसे उकेर दीजिए। जरूरी नहीं है कि इस थेरेपी के लिए आपको एकदम प्रोफेशनल आर्टिस्ट होने की जरूरत है। जब आप तनाव में पेपर पर कुछ बनाएंगी, तो महसूस करेंगी कि आपके अंदर से स्ट्रेस धीरे-धीरे रिलीज हो रहा है। बीते सालों के कुछ शोध भी यह बताते हैं कि तनाव, अवसाद की स्थिति में आर्ट थेरेपी बेहतर विकल्प है।
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मानसिक सक्षमता के लिए
जब आप पेपर में कुछ बनाते हैं, उनमें अपने पसंद के रंग भरते हैं, तो इससे आपके अंतर्मन को खुशी मिलती है। स्केचिंग आपकी मानसिक सक्षमता को बढ़ाता है। आपके अंदर जो भी उलझा है, उसे ठीक तरीके से बनाने की कोशिश आप उस पेपर में करते हैं। इतना करने से आपकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है।
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आप रहेंगी व्यस्त
अब जब आप किसी चीज में लगी रहती हैं, तो नकारात्मक बातों पर आपका ध्यान नहीं जाता। चिंता तभी बढ़ती है, जब आप फिजूल की अफवाहों और नकारात्मक बातों पर ध्यान देती हैं। लेकिन जब आप किसी काम में व्यस्त हो जाएंगी तो उनके बारे में नहीं सोचेंगी। ठीक ऐसा ही कुछ होता है आर्ट थेरेपी के दौरान। पेंटिंग, स्केचिंग करने से आपके मन को शांति मिलती है। इसलिए खुद को आर्ट में व्यस्त कर लेने से आप तनाव से बाहर आती हैं।
फोकस रहेगा बरकरार
सोचिए, जब आप कुछ बना रही होती हैं, तो आपका पूरा ध्यान उसी तरफ होता है। आप फोकस्ड होते हैं। मगर जब आप चिंता में घिरे होते हैं, तो किसी काम में मन नहीं लगता और न ही आप उस पर फोकस कर पाते हैं। वहीं, पेंटिंग, स्केचिंग, ड्रॉइंग करने से आप अपना फोकस वापस पा सकती हैं। यह आपके अंदर से तमाम तरीके की नकारात्मकता से दूर रखता है। आपके अंदर सहनशीलता पैदा करता है। आर्ट थेरेपी से आपका मन भटकता भी नहीं।
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Image Credit : Freepik images
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