इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन को लेकर महिलाओं के बीच बहुत ज्यादा पशोपेश रहता है। कई महिलाएं तो इसे सिर्फ कॉन्ट्रासेप्शन का एक नॉर्मल तरीका मानती हैं और अधिकतर इनका इस्तेमाल करती हैं। पर क्या आपने कभी ये सोचने की कोशिश की कि आखिर ये हैं क्या और आपके शरीर के अंदर जाकर ये क्या करती हैं? जो महिलाएं इनका इस्तेमाल करती हैं उन्हें इनके बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं होती है और कई को तो ये भी लगता है कि ये कंडोम की जगह एक अन्य ऑप्शन हो सकता है।
इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन को लेकर जितनी बातें बताई जाती हैं उनमें एक चीज़ कॉमन है और वो ये कि अगर आपने अनप्रोटेक्टेड संबंध बना भी लिए हैं तो ये प्रेग्नेंसी को रोक देंगी, पर क्या वाकई ऐसा किया जा सकता है?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ट्रेन्ड एमबीबीएस और एमएसी (Oxon), स्पेशलिस्ट डॉक्टर तान्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी बातें शेयर की हैं। डॉक्टर तान्या इंस्टाग्राम पर @dr_cuterus के नाम से हैं और वो हमेशा महिलाओं की कई समस्याओं से जुड़ी बातें शेयर करती रहती हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में ये बताया है कि आखिर इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स सुरक्षित हैं भी या नहीं और अगर हैं तो फिर उनका इस्तेमाल कैसे होना चाहिए?
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क्या काम करती हैं इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स?
ये गोलियां असल में प्रेग्नेंसी को रोकने का काम करती हैं और इन्हें सेक्स के 72 घंटे के अंदर ही लेना होता है। सबसे जरूरी बात ये है कि अगर आप इन्हें लेने में जितना ज्यादा समय लगाती हैं उतना ज्यादा रिस्क प्रेग्नेंसी का बढ़ जाता है।
शरीर के अंदर जाने के बाद क्या करती हैं ये गोलियां?
किसी भी प्रेग्नेंसी के लिए पहले ओव्यूलेशन होता है और ओवरीज एग्स रिलीज करती हैं। इस दौरान एग्स को स्पर्म से मिलना होता है और प्रेग्नेंसी तभी होती है जब ये दोनों मिलते हैं। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स करती ये हैं कि या तो ये ओव्यूलेशन को धीरे कर देती हैं जिससे स्पर्म एग्स से ना मिल पाए या फिर ये ओवरीज को एग्स रिलीज करने से पूरी तरह से ही रोक देती हैं।
इसे हमेशा ही अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद ही लिया जाता है। कुछ गोलियां ऐसी होती हैं जो 120 घंटे तक प्रोटेक्शन दे पाती हैं, लेकिन अधिकतर के लिए 72 घंटे का टाइम ड्यूरेशन ही होता है।
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क्या इसे परमानेंट गर्भनिरोधक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है?
अब बात करते हैं इसके इस्तेमाल की। अगर आप इसे परमानेंट गर्भनिरोधक गोलियों की तरह इस्तेमाल करते हैं तो ये गलत होगा। ये गोलियां सिर्फ इमरजेंसी के लिए ही इस्तेमाल की जा सकती हैं और नॉर्मल गर्भनिरोध के लिए कंडोम का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर होता है।
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अगर कोई इन्हें बार-बार लेता है तो क्या होगा?
इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या फिर आफ्टर मॉर्निंग पिल्स हमेशा इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। इसके पीछे का कारण ये है कि इनके साइड इफेक्ट्स काफी होते हैं। ये हार्मोन्स का गुब्बारा होती हैं जिन्हें एक बार लेने पर कई सारे हार्मोन्स शरीर में रिलीज होते हैं। ऐसे में अगर आप इन्हें ज्यादा लेती हैं तो पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं, वेजाइनल समस्याएं, स्किन इश्यूज आदि हो सकते हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि पीरियड्स की ड्यूरेशन भी इससे बदल सकती है। हो सकता है कि आपके पीरियड्स काफी देर से आने लगें या फिर बहुत जल्दी-जल्दी आएं।
इसलिए बेहतर होगा कि आप किसी भी तरह के गर्भनिरोधक ऑप्शन के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से ही उसे चुनें। कई लोग परमानेंट गर्भनिरोध के लिए ऑपरेशन करवाना भी सही मानते हैं। जो भी ऑप्शन चुनें उसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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