Happy New Year 2024: आखिर 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल? पढ़ें क्या है इसके पीछे का इतिहास

आज के समय में ज्यादातर लोग इंग्लिश कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं और अंग्रेजी कैलेंडर में 1 जनवरी को हो नए साल के तौर पर मनाया जाता है। 

 Jan New Year, Happy New Year

Happy New Year 2024: क्या आप जानते हर साल 25 दिसंबर यानी क्रिसमस के बाद ही क्यों 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है, आप किसी दूसरे महीने की शुरुआत में नया साल क्यों नहीं मना लेते हैं। वहीं, हर साल की तरह 2023 भी खत्म होने जा रहा है और 2024 की शुरुआत हम सब 1 जनवरी से करेंगे।

असल में दुनिया भर में अलग अलग धार्मिक मान्यताओं वाले लोग रहते हैं, और वह सभी अपने कैलेंडर के मुताबिक नया साल मनाते है। साथ ही आज के समय में ज्यादातर लोग इंग्लिश कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं और अंग्रेजी कैलेंडर में 1 जनवरी को हो नए साल के तौर पर मनाया जाता है। 1 जनवरी को नए साल मनाने की परंपरा काफी पुरानी है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, आईए जानते है इसके पीछे की वजह:

new year in january

रोमन कैलेंडर:

सबसे पहले नए साल की शुरुआत 45 BCE में हुई थी। आमतौर पर यही माना जाता है कि, 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा प्राचीन रोमन कैलेंडर से जुड़ी है। उस समय रोमन कैलेंडर मार्च महीने से शुरू होता था और एक साल में कुल 355 दिन का होते थे, जिसमें रोमन डिक्टेटर जूलियस सीजर ने 1 जनवरी को साल का पहला दिन बताया था, जूलियस सीजर ने इस कैलेंडर में बदलाव किया था। इस कैलेंडर में साल की शुरुआत को जनवरी के पहले दिन से माना जाता था। सर्दी मौसम का आगमन इसी समय होता है, जिसे नए साल पर नए शुरुआत का प्रतीक माना जाता था।

वहीं, पोप ग्रेगोरी ने जूलियन कैलेंडर में सुधार करते हुए जनवरी महीने का पहला दिन तय किया। इसलिए, 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म के बाद 1 जनवरी को नए साल के तौर पर मनाया जाने लगा। साथ ही एक मान्यता यह भी है कि 4000 साल पहले प्राचीन बेबीलोनियन सभ्यता के दौरान नया साल 11 दिन तक सेलिब्रेट किया जाता था।

इसे भी पढ़ें: घर पर फैमिली के साथ ऐसे मनाएं नए साल का जश्न

ईसाई धर्म का प्रभाव:

ईसाई धर्म के प्रसार के साथ ही, 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा आम हो गई। चूंकि, यीशु का खतना इसी दिन मनाया जाता है,एक कैथोलिक उत्सव है। इसलिए, ईसाई समुदाय में इसे एक खास तारीख के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, सिख धर्म के मान्यताओं के अनुसार बैसाखी वाले दिन नया साल मनाया जाता है, और उसी तरह से हिन्दू धर्म के अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नए साल की शुरुआत हुई थी।

january  as new year

इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि हिन्दू धर्म के अनुसार ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दिन की थी, साथ ही इस्लाम में भी इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नया साल मनाया जाता है, इसलिए इस दिन को नए साल के तौर पर मनाया जाता है।

ग्लोबल कैलेंडर सिस्टम:

1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा का एक कारण ये भी है कि धीरे-धीरे ज्यादातर देशों ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपना लिया है। इस कैलेंडर में भी यही तारीख साल की शुरुआत के तौर पर निर्धारित है। इस वजह से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेड और संचार को सुगम बनाने के लिए भी 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाने का तरीका माना जाता है।

इसे भी पढ़ें: नए साल के मौके पर अपने परिवार के साथ देखें बॉलीवुड की ये फिल्में

बेशक, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में नए साल को अलग-अलग दिनों पर मनाने की परंपराएं भी हैं। जैसे, चीन में चांद के हिसाब से कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाया जाता है, जो जनवरी में भी हो सकता है या नहीं भी। भारत में भी कई त्योहार जैसे लोहड़ी, उगादी और गुड़ी पड़वा नये साल की तरह से ही हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं, लेकिन उनकी तारीख अलग-अलग होती हैं।

अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।

Image credit: Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP