Husband Wife Sleeping: पत्नी को पति के बाईं तरफ ही क्यों सोना चाहिए?

हिन्दू धर्म में कई तार्किक नियम बनाए गए हैं। इन्हीं में से एक है पत्नी का पति के बाईं तरफ सोना। धार्मिक आधार पर पत्नी के बाईं तरफ सोने के पीछे कई कारण और लाभ बताए गए हैं।   

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Patni Ko Pati Ke Baye Taraf Hi Kyu Sona Chahiye: वास्तु शास्त्र में पति-पत्नी के सोने के तरीके के बारे में और दिशा से जुड़ी जानकारी दी गई है। वहीं, धार्मिक दृष्टि से भी कुछ नियम बनाए गए हैं। इन्हीं में से एक है पत्नी का पति के बाईं तरफ सोना। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्यों पत्नी को पति की उल्टी तरफ सोया चाहिए।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने जब अर्धनारेश्वर रूप लिया था तब उनके बाएं अंग से ही स्त्री तत्व यानी कि माता पार्वती (माता पार्वती के मंत्र) प्रकट हुईं थीं।
  • इसलिए हिन्दू धर्म में पत्नी को वामांगी कहा गया है। वामांगी का अर्थ है बाएं अंग की अधिकारी। पुरुष का बायां अंग स्त्री के हिस्से का माना जाता है।
  • यही कारण है कि किसी भी शुभ काम में पत्नी को पति के बाईं तरफ का स्थान प्राप्त होता है। इसी में शामिल है पत्नी के पति की बाईं ओर सोना।
  • मान्यता है कि पत्नी का पति की बाईं तरफ सोना बहुत शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन सुख, समृद्धि और संपन्नता से परिपूर्ण रहता है।
  • पत्नी का पति के बाईं तरफ सोना वैवाहिक जीवन के लिए उत्तम और पति के लिए सौभग्यमय माना जाता है। इससे पति की रक्षा भी होती है।
pati patni ke sone ki disha
  • मान्यता है कि जब यमराज सत्यवान के प्राण हरने आए थे तब वह बाईं ओर से आए थे और सावित्री ने अपने पति की रक्षा कर उनके प्राण बचाए थे।
  • ऐसे में पत्नी के पति के बाईं ओर सोने से पति की यमराज से रक्षा होती है और किसी भी आपदा से पत्नी अपने पति को बचा सकती है।
  • इसके अलावा, वामांगी होने के बावजूद भी कुछ कामों में स्त्री को पुरुष के दायीं ओर यानी कि सीधी तरफ रहने की बात शास्त्रों में कही गई है।
pati patni ke sone ka tarika
  • शास्त्रों में बताया गया है कि कन्यादान, विवाह, यज्ञकर्म, जातकर्म, नामकरण और अन्न प्राशन के समय पत्नी को पति के दायीं ओर बैठना चाहिए।
  • पत्नी को पति के दाएं या बाएं बैठने संबंधी इस मान्यता के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि जो काम सांसारिक होते हैं उनमें पत्नी बाईं तरफ होनी चाहिए।
  • ऐसा इसलिए क्यों इन सांसारिक कामों में स्त्री की प्रधानता मानी गई है और स्त्री तत्व को सर्वोच्च बताया गया है।
  • वहीं, यज्ञ (यज्ञ और हवन में अंतर), कन्यादान, विवाह यह सभी काम पारलौकिक माने जाते हैं और इन्हें पुरुष प्रधान बताया गया है।
  • इसलिए इन सभी कार्यों के दौरान पुरुष के दीन ओर स्त्री का होना शुभ माना गया है। इन कामों में स्त्री को सहभागी बताया गया है।

तो इस कारण से पत्नी को पति के बाईं तरफ सोना चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image: freepik

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