गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी को लेकर कई ऐसी बातें आपने घर के बड़ों को कहते हुए सुनी होंगी। प्रेग्नेंसी में रात के समय बाहर न निकलने से लेकर किसी पेड़ के नीचे जाने तक, प्रेग्नेंसी में बाल न कटवाने से लेकर मेहंदी न लगाने तक न जाने कितनी ऐसी बातें हैं जिनका जिक्र आपको कई पौराणिक कथाओं या घर के बड़ों से सुनने को मिलता है।
मान्यता है कि इन प्रथाओं का पालन गर्भावस्था में करने से मां और बच्चे दोनों को ही सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसी ही प्रथाओं में से एक है गर्भावस्था में नदी के आस-पास न जाने की बात। घर के बड़ों के मुख से अक्सर गर्भवती महिला के लिए ऐसा कहते हुए सुना जाता है कि नदी या नाले के पास न जाएं और मुख्य रूप से नदी के भीतर न जाएं। आइए ज्योतिषचार्य सिद्धार्थ एस कुमार जी से जानते हैं ऐसा क्यों कहा जाता है और क्या वास्तव में ऐसा करने से नुकसान हो सकता है।
ज्योतिष के अनुसार प्रेग्नेंसी में नदी के पास जाने की मनाही क्यों है
ज्योतिष में मान्यता है कि नदियों पर चंद्रमा का शासन होता है और इसे एक स्त्री प्रधान ग्रह के रूप में देखा जाता है। गर्भावस्था के दौरान, एक महिला अपने हार्मोनल परिवर्तनों के कारण पहले से ही चंद्रमा से दृढ़ता से जुड़ी होती है।
किसी नदी के पास जाने से यह संबंध और प्रगाढ़ हो सकता है और भावनात्मक अस्थिरता पैदा हो सकती है, इसी वजह से इस दौरान नदी के पास जाने से मना किया जाता है। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान पानी के संपर्क में रहने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कोई भी इन्फेक्शन जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
नदियों में हो सकता है नकारात्मक ऊर्जा का वास
मान्यता है कि नदियों के भीतर कई तरह की प्रक्रियाएं होती हैं जैसे कि लोग कई बार मृतक की अस्थियां इस स्थान पर विसर्जित करते हैं और कई बार मृत्योपरांत दाह संस्कार के बजाय शरीर को नदियों में ही प्रवाहित कर दिया जाता है।
ऐसा करने से नदियों के आस-पास कोई भी नकारात्मक ऊर्जा रह सकती है। इसी वजह से गर्भवती स्त्री को उस स्थान पर जाने से मना किया जाता है, जिससे कि नकारात्मक ऊर्जा का वास उसके शरीर या मन में न हो सके और उसका बुरा असर गर्भ में पल रहे शिशु तक न हो सके। इसी वजह से गर्भावस्था में नदी के पास जाने से मना किया जाता है।
गर्भावस्था में नदियों के प्रवाह से हो सकता है खतरा
नदियां बहुत तेजी से बहती हैं और इसके प्रवाह से आस-पास आने वाले लोगों को भी खतरा हो सकता है। इसी वजह से यदि आप गर्भावस्था में ऐसे स्थान पर जाती हैं तो नदियों का प्रवाह और इनके आस-पास की आवाजें भी आपको प्रभावित कर सकती हैं। इसी वजह से गर्भावस्था के दौरान नदियों के आस-पास न जाना ही उचित माना जाता है।
नदियों का प्रवाह और शोर गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे शिशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए ऐसे स्थान से दूर रहना ही बेहतर विकल्प है।
प्रेग्नेंसी में नदी के पास न जाने के लिए क्या कहता है विज्ञान
विज्ञान की मानें तो इसके कोई बहुत बड़े कारण नहीं हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी में आपको किसी भी ऐसी जगह पर जाने से बचने की सलाह दी जाती है जहां गंदगी हो या उसके आस-पास कचरा इकठ्ठा हो।
नदियां ऐसे ही स्थानों में से हैं क्योंकि कई नदियों के आस-पास कूड़ा-कचरा इकठ्ठा होता है और वहां की वायु भी गर्भवती स्त्री के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं होती है, इसी वजह से नदी के आस-पास जाने से मना किया जाता है।
यही नहीं नदी के आस-पास की मिट्टी चिकनी होती है जिसमें पैर फिसलने का भी खतरा होता है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि ऐसे स्थान से दूर रहें। खासतौर पर आपको कभी भी प्रेग्नेंसी में नदी के अंदर नहीं जाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान नदियों के आस-पास न जाने के ज्योतिषीय कारणों के अलावा, कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं इसलिए इस स्थान से दूर रहना ही आपके लिए बेहतर विकल्प है। हालाँकि ये आपको व्यक्तिगत पसंद पर भी निर्भर करता है कि आप गर्भावस्था में नदी के पास जाएं अथवा नहीं।
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