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why mughal emperor gives salary to harem women

मुगल हरम में रहने वाली हर महिला को आखिर क्यों दी जाती थी शाही रकम? जानिए

आपने यकीनन कई मुगल रानियों के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको मुगल महिला को मिलने वाले वेतन से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2022-08-12, 19:19 IST

हिंदुस्तान पर वर्षों तक कई वंशज ने राज किया है लेकिन मुगल काल में कई राजवंश ऐसे रहे हैं, जिनके बारे में लोग हमेशा जानने के इच्छुक रहते हैं जैसे- बादशाह बाबर, बादशाह अकबर, बादशाह औरंगजेब आदि। क्योंकि हम आज भी भारत में मुगल वास्तुकला और शिल्पकला के नमूने आसानी से देख सकते हैं जैसे- लाल किला, ताजमहल, आगरा का किला, जामा मस्जिद आदि।

लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं, जिन्हें मुगल साम्राज्य की रानियों, दासियों और उसके रहन-सहन के बारे में मालूम होगा। इसलिए आज हम आपको शाही हरम में रहने वाली महिलाओं, दासियों और रानियों के वेतन से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें मुगल बादशाह हर महिला को दिया करते थे, लेकिन क्यों आइए जानते हैं।

आखिर क्यों दिया जाता था वेतन

Mughal harem dasi salary

कहा जाता है कि हरम से लेकर महल में मौजूद हर महिला को वेतन दिया जाता था। इतिहास के अनुसार महिलाओं को वेतन देने की शुरुआत बाबर ने की थी। हालांकि, वेतन देने के पीछे कोई ठोस वजह स्पष्ट नहीं है लेकिन कहा जाता है कि महिलाओं को वेतन उनकी आजीविका भत्ता के अनुसार दिया जाता था ताकि वो अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। (अकबर की बेगमों के बारे में जानें)

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रानियों को मिलती थी शाही रकम

Mughal queen salary

मुगल साम्राज्य में रानियों को वेतन देने की वजह इस्लाम से जुड़ी है क्योंकि इस्लाम में उल्लेख मिलता है कि पति अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा अपनी बीवी, बेटी को खर्च करने के लिए दें। साथ ही, अकबरनामा में भी उल्लेख मिलता है कि मुगल बादशाह अपनी बेगमों, बेटियों को वेतन दिया करते थे ताकि अपना श्रृंगार या अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा खर्च कर सकें जैसे- जहांआरा, जैबुन्निसा आदि। (मुगल साम्राज्य के शक्तिशाली बादशाह)

दासी से लेकर किन्नरों को दिया जाता था आजीविका भत्ता

महल में रहने वाली बेगमों के अलावा हरम में प्रवेश करने वाली हर महिला, दासी या फिर किन्नरों को भी आजीविका भत्ता दिया जाता था। कहा जाता है कि हुमायूं काल में भी महिलाओं को शाही अनुदान दिया जाता था। इसके अलावा भी कहा जाता है कि बादशाह समय-समय पर महिलाओं को मूल्यवान उपहार, मोटी नकद रकम भी देते थे।

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Image Credit- (@Shutterstock and Wikipedia)

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