herzindagi
Aachman Ki Vidhi

Puja Path: पूजा पाठ से पहले क्यों किया जाता है आचमन? जानें इसका गूढ़ महत्व 

हिंदू धर्म में किसी भी पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत आचमन से की जाती है। आचमन का अर्थ है शुद्धिकरण, जिसमें जल का सेवन और छिड़काव करके शरीर, मन और वाणी को पवित्र किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा से पहले आचमन करने से व्यक्ति किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा और अशुद्धियों से मुक्त हो जाता है, जिससे वह पूरी एकाग्रता और शुद्ध भाव से ईश्वर की आराधना करता है। यह केवल शारीरिक स्वच्छता नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक पवित्रता का प्रतीक भी है। आइए जानें किसी भी पूजा-पाठ में आचमन का क्या महत्व होता है।
Editorial
Updated:- 2025-08-28, 11:35 IST

Puja Path: हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत आचमन के साथ की जाती है। यह वो प्रक्रिया है जिसमें आप जल से अपने आस-पास के वातावरण को पवित्र करती हैं। यह मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि एक गूढ़ आध्यात्मिक प्रक्रिया भी जो साधक के शरीर, मन और वाणी को भी पवित्र बनाती है। पूजा में आचमन विधि को पूजा की पहली सीढ़ी कहा जाता है, क्योंकि इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। अक्सर लोग इसे केवल एक रस्म समझकर कर ही कर लेते हैं, जबकि इसके पीछे गहन कारण और अनेक लाभ भी छिपे हुए हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य डॉ. राधाकांत वत्स से जानते हैं आचमन करने का महत्व क्या है और पूजा-पाठ में ये क्यों जरूरी माना जाता है। 

आचमन का महत्व 

पूजा से पहले आचमन करना इसलिए आवश्यक माना जाता है क्योंकि इसके बिना पूजा पूर्ण नहीं होती। आचमन के बिना की गई पूजा का कभी भी फल नहीं मिलता। किसी भी पूजा पाठ में शरीर का शुद्धिकरण आवश्यक है और आचमन वो प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर को पूजा के लिए शुद्ध किया जाता है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो पवित्र जल को पीना आचमन कहलाता है।  

आचमन की प्रक्रिया 

achman

  • सर्व प्रथम पूजा की समस्त सामग्री एकत्र कर लें। 
  • साथ ही तांबे के बर्तन या छोटी सी लुटिया में पवित्र गंगाजल भरकर रख दें। 
  • लुटिया में छोटी सी आचमनी यानी कि तांबे की छोटी चम्मच भिओ रखें। 
  • इस पवित्र जल को और भी शुद्ध बनाने के लिए इसमें तुलसी दल अवश्य डालें। 
  • पूजा शुरू करने से पूर्व भगवान का ध्यान करें।
  • ध्यान करते हुए आचमनी से जल निकालकर हथेली पर डालें। 
  • मंत्रोच्चार के साथ उस पवित्र जल को ग्रहण करें। 
  • ग्रहण करने की प्रक्रिया को 3 बार करना है। 
  • ध्यान रहे जल ग्रहण करने के बाद हाथ को माथे और कान से अवश्य लगाएं। 

इसे जरूर पढ़ें: Mantra For Children: इन मंत्रों के जाप से अब आपकी संतान भी छुएगी सफलता का सर्वोच्च शिखर

आचमन के मंत्र 

achman vidhi

मंत्रोच्चार के बिना शुद्धिकरण संभव नहीं। तो आइये आपको मंत्र भी बता देते हैं। 

  • ॐ केशवाय नम: 
  • ॐ नाराणाय नम: 
  • ॐ माधवाय नम:
  • ॐ ह्रषीकेशाय नम:

आचमन के लाभ 

  • आचमन करने से पूजा पाठ के दौरान भगवान के प्रति मन, वचन और कर्म की शुद्धता बनी रहती है जिसके कारण पूजा पूर्ण रूप से फलित होती है और भगवान भी आपसे जल्दी प्रसन्न होते हैं। 
  • आचमन की प्रक्रिया के जरिए भगवान तक सूचना पहुंचाई जाती है कि हे प्रभु अब हम आपकी पूजा आरंभ करने जा रहे हैं। आप ऐसी कृपा करें कि हमारी पूजा पूर्ण हो और अपना आशीर्वाद हम पर बनाएं रखें। 

तो इस कारण से किया जाता है पूजा से पहले आचमन। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।  

Image Credit: Freepik, Pixabay

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

FAQ
पूजा शुरू करने से पहले क्या करना चाहिए?
पूजा शुरू करने से पहले, आपको खुद को और पूजा के स्थान को पवित्र करना चाहिए। आप अपने आस-पास जल छिड़ककर आचमन कर सकती है। 
पूजा से पहले आचमन क्यों किया जाता है?
पूजा, यज्ञ आदि आरंभ करने से पूर्व शुद्धि के लिए मंत्र पढ़ते हुए जल पीना और छिड़कना ही आचमन कहलाता है। शास्त्रों में आचमन ग्रहण करने की कई विधियां बताई गई हैं। 
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।