Puja Path: हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत आचमन के साथ की जाती है। यह वो प्रक्रिया है जिसमें आप जल से अपने आस-पास के वातावरण को पवित्र करती हैं। यह मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि एक गूढ़ आध्यात्मिक प्रक्रिया भी जो साधक के शरीर, मन और वाणी को भी पवित्र बनाती है। पूजा में आचमन विधि को पूजा की पहली सीढ़ी कहा जाता है, क्योंकि इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। अक्सर लोग इसे केवल एक रस्म समझकर कर ही कर लेते हैं, जबकि इसके पीछे गहन कारण और अनेक लाभ भी छिपे हुए हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य डॉ. राधाकांत वत्स से जानते हैं आचमन करने का महत्व क्या है और पूजा-पाठ में ये क्यों जरूरी माना जाता है।
पूजा से पहले आचमन करना इसलिए आवश्यक माना जाता है क्योंकि इसके बिना पूजा पूर्ण नहीं होती। आचमन के बिना की गई पूजा का कभी भी फल नहीं मिलता। किसी भी पूजा पाठ में शरीर का शुद्धिकरण आवश्यक है और आचमन वो प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर को पूजा के लिए शुद्ध किया जाता है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो पवित्र जल को पीना आचमन कहलाता है।
इसे जरूर पढ़ें: Mantra For Children: इन मंत्रों के जाप से अब आपकी संतान भी छुएगी सफलता का सर्वोच्च शिखर
मंत्रोच्चार के बिना शुद्धिकरण संभव नहीं। तो आइये आपको मंत्र भी बता देते हैं।
तो इस कारण से किया जाता है पूजा से पहले आचमन। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik, Pixabay
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।