क्या आपने क्रिमिनल पर बनी फिल्में देखी हैं? इन फिल्मों में आपने कैदियों को काली-सफेद रंग की ड्रेस पहने हुए जरूर देखा होगा? लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कैदियों के लिए यह ड्रेस क्यों बनी थी? या ड्रेस में पहले कोई अन्य रंग थे। यही सब सवालों के बारे में जानने के लिए आपको हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए।
ड्रेस कोड का इतिहास
यह बात 19वीं सदी की है, जब अमेरिका में ऑबर्न सिस्टमग्रे-ब्लैक बनाया गया है। यह सिस्टम लोगों को दंड देने का काम करता था। इसमें जेल के कैदियों के लिए कुछ रूल बनाए गए थे। यह वह समय था जब कैदियों के लिए ड्रेस कोड भी बनाया गया। इस दौरान कैदी ग्रे-ब्लैक कलर की लाइन वाले कपड़े पहनते थे।
इस कारण से बनाई गई ड्रेस
कहा जाता है कि कैदियों के लिए ड्रेस बनाने का अहम कारण यह था कि अगर वह अन्य लोगों की तरह सामान्य कपड़े पहनेंगे तो वह भीड़ से अलग नहीं नजर आ सकते हैं। यानी अगर वह जेल से भाग जाते हैं तो उन्हें पकड़ने में आसानी होगी। ड्रेस कोड के जरिए लोग पुलिस को सही इंफॉर्मेशन दे पाएंगे। यही नहीं, ड्रेस कोड के जरिए कैदी अनुशासन में रह पाएंगे, जिससे वह जेल में रहते हुए कुछ अच्छा सीख पाएंगे।
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ग्रे ब्लैक ड्रेस क्यों हटाई गई?
बता दें कि ग्रे ब्लैक लाइन ड्रेस को उस समय ‘सिंबल ऑफ शेम’का टैग दिया गया था। कुछ समय बाद जब कैदियों के मानवाधिकार की चर्चा हुई तो इस ड्रेस कोड को हटा दिया गया। इसके बाद ही ब्लैक-व्हाइट लाइन वाली ड्रेस इजात की गई।
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भारत में आज भी कैदी ब्लैक एंड व्हाइट लाइन वाली ड्रेस पहनते हैं, लेकिन हर देश का ड्रेस कोड अलग होता है। जैसे अमेरिका के कैदी ऑरेंज कलर की ड्रेस पहनते हैं।
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Image Credit: Freepik & Shutterstock
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