हिंदू धर्म में भगवान शिव को सभी देवताओं में सबसे महान माना जाता है और मान्यता है कि वो बुरे विचारों, भय और भौतिकवादी इच्छाओं के विनाशक हैं। भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति तो होती ही है और समृद्धि के द्वार भी खुलते हैं।
जिस घर में नियमित रूप से शिव जी की पूजा होती है और उन्हें जल अर्पित किया जाता है वहां से समस्त कष्ट दूर रहते हैं। भगवान शिव को भोलेनाथ भी माना जाता है और वो बहुत जल्द ही प्रसन्न होते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उनके ऊपर कुछ विशेष प्रकार के फूल तो चढ़ाए ही जाते हैं, वहीं उनका अभिषेक भी दूध जल और शहद से किया जाता है।
वहीं एक मान्यता यह भी है कि आपको भूलकर भी शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाने के फायदे की जगह नुकसान हो सकते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
भगवान शिव की पूजा क्यों जरूरी है?
भगवान शिव जिन्हें अक्सर पुनर्जनन और विनाश के देवता के रूप में चित्रित किया जाता है। शिव जी हिंदू देवताओं में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। भक्त जन भगवान शिव की परोपकारिता, करुणा और परिवर्तनकारी शक्तियों के लिए पूजा करते हैं।
शिव के निराकार पहलू का प्रतीक शिवलिंग अक्सर मंदिर और घर में पूजा जाता है और उनका श्रृंगार के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। यही नहीं लोग शिवलिंग की पूजा के समय कुछ विशेष चीजें अर्पित करते हैं जिससे खुशहाली बनी रहती है जिसमें बेलपत्र, फूल, शहद, जल और दूध शामिल हैं। इन सभी सामग्रियों के साथ भगवान शिव के प्रतीक की पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
इसे जरूर पढ़ें: Mahashivratri 2024: कब है महाशिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, योग और महत्व
क्या भगवान शिव को नारियल पानी चढ़ा सकते हैं?
नारियल को एक अत्यंत पवित्र और पूजनीय फल के रूप में पूजा जाता है। इसी वजह से किसी भी पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब हम शिव पूजन की बात करते हैं तब उनकी पूजा में नारियल अर्पित करने की मनाही होती है।
पौराणिक कथाओं की मानें तो नारियल को माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है और माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। इसी वजह से विष्णु पूजन में नारियल को विशेष स्थान मिला है और शिव पूजन में नारियल अर्पित करना मना होता है।
इसी वजह से शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाने से भी मना किया जाता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है और मुख्य रूप से विष्णु जी की पत्नी होने की ही वजह से शिव पूजन में इसे चढ़ाने की मनाही होती है।
शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाने से क्या होता है?
ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक ग्रह विशिष्ट तत्वों और ऊर्जाओं से जुड़ाव रखता है। चंद्रमा मन, भावनाओं और तरल पदार्थों से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि नारियल पानी एक साफ और ठंडा तरल है, जो चंद्रमा की ऊर्जा से प्रभावित होता है।
वहीं मान्यता यह भी है कि भगवान शिव जिन्हें परिवर्तनकारी पहलुओं से जोड़ा जाता है उन्हें नारियल पानी चढ़ाने से उनकी पूजा के दौरान ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है। इस वजह से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और फायदे के स्थान पर नुकसान हो सकते हैं।
नारियल का है समुद्र मंथन से संबंध
ऐसा माना जाता है कि नारियल का अवतरण समुद्र मंथन से हुआ है और नारियल के भीतर जो पानी है उसका असल स्वरूप खारा है। चूंकि खारे पानी का इस्तेमाल किसी भी पूजा में वर्जित होता है, इसी वजह से शिवलिंग का जलाभिषेक भी वर्जित माना जाता है।
मान्यता है कि शिवलिंग पर ऐसी चीजें ही चढ़ानी चाहिए जो पूर्ण रूप से शुद्ध हों और नारियल पानी खारा होने की वजह से शिवलिंग पर न चढ़ाने की सलाह दी जाती है। समुद्र का प्रतीक होने के कारण नारियल पानी को खारा पानी माना जाता है। हालांकि वास्तविक रूप में ये पानी खारा न होकर मीठा होता है।
शिवलिंग पर किन चीजों को चढ़ाने की मनाही है
नारियल पानी के साथ शिवलिंग पर तुलसी की पत्तियां, केतकी का फूल, हल्दी, कनेर का फूल या लाल रंग का कोई फूल और शंख से जल चढ़ाने की भी मनाही होती है। वहीं यदि आप उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको बेल पत्र, चंदन भांग, धतूरा आदि चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही शिवलिंग का जलाभिषेक जल और कच्चे दूध से करने की सलाह दी जाती है।
अगर आप भी महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा कर रही हैं तो कुछ चीजों को पूजन में शामिल करने से बचें जिससे आपको पूजा का पूर्ण लाभ मिले।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Images:Freepik.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों