क्या बिल्ली किसी देवता का वाहन है? बिल्ली को आखिर इतना अशुभ क्यों माना जाता है? बिल्ली अगर रास्ता काट जाए, तो कुछ अशुभ होता है या नहीं? एक अकेले जानवर से जुड़े इतने सवाल हैं। अगर हम बिल्ली की बात करें, तो इससे जुड़ी मान्यताएं लोगों के लिए अलग-अलग हैं। किसी के हिसाब से बिल्ली बुरी किस्मत को दिखाती है, तो किसी को लगता है कि यह लकी है। पर असल मायने में क्या इसका कोई लॉजिक है या हम यूं ही बस मान्यता मानते हैं।
अपनी स्पेशल सीरीज 'Superstition And Truth' के जरिए हम आपको कुछ ऐसी थ्योरीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो सदियों से चले आ रहे अंधविश्वासों को लेकर साइंटिफिक फैक्ट्स बताती हैं। आपको पहले ही बता दूं कि ये सभी सिर्फ चर्चित थ्योरीज हैं कोई साइंटिफिक रिसर्च नहीं।
एस्ट्रोलॉजी के हिसाब से क्या है बिल्ली से जुड़ी मान्यता?
लाइफ कोच और एस्ट्रोलॉजर शीतल शपारिया के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र में बिल्ली को राहु की सवारी माना जाता है। राहु राक्षस ग्रह समझा जाता है जो अशुभ समाचारों का संकेत देता है। राहु दुर्घटना का कारक भी होता है और इसलिए बिल्ली के रास्ता काटने को दुर्घटना से जोड़ा जाता है।
यही कारण है कि खासतौर पर भारत में बिल्ली को अशुभ माना जाता है। काला रंग शनि से जुड़ा होता है, जो कर्मों की सजा देते हैं। ऐसे में काली बिल्ली को और भी ज्यादा अशुभ समझा जाता है।
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क्या है इसके पीछे माइथोलॉजी का कारण?
काली बिल्ली को अशुभ मानने की शुरुआत प्राचीन मिस्र से मानी जाती है। इजिप्शियन माइथोलॉजी के मुताबिक काली बिल्ली को शैतानी जीव माना जाता था। आपको मिस्र की माइथोलॉजी में बिल्ली से जुड़े कई लेख मिल जाएंगे। पिरामिड में भी बिल्ली से जुड़ी कलाकृतियां उकेरी गई हैं। काला रंग वैसे भी नेगेटिव माना जाता है और इसलिए ही काली बिल्ली को नकारात्मक ऊर्जा या बुरी खबर के संकेत से जोड़ा जाता है।
क्या हैं इसके पीछे की साइंटिफिक थ्योरीज?
हमने माइथोलॉजी से जुड़े कारण तो समझ लिए। राहु, शनि और मिस्र से जुड़ी मान्यताओं ने बिल्ली को विलेन बना दिया है। पर ऐसी मान्यताओं को काउंटर करने के लिए कुछ साइंटिफिक थ्योरीज भी बताई जाती हैं। उनमें से कुछ चर्चित हैं....
हाइजीन के कारण बिल्ली को माना जाता है अशुभ
बिल्ली छोटे जीव-जंतु और चूहों को खाती है। उनके जरिए बीमारियां फैलने का खतरा होता है। बिल्ली को अनहाइजीनिक माना जाता है क्योंकि यह खुद को अपनी जुबान से ही साफ करती है और पालतू बिल्लियों को भी ज्यादा नहलाया नहीं जा सकता है। इसी के साथ, बिल्ली गंदगी ज्यादा फैलाती है और उनकी गंध बहुत ही ज्यादा परेशान कर सकती है। यह एक कारण हो सकता है कि बिल्लियों को सामाजिक तौर पर अशुभ माना जाता है।
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प्लेग के कारण बिल्ली का रास्ता काटना माना जाता है अशुभ
ब्लैक डेथ के नाम से मशहूर प्लेग ने यूरोप की आधी से ज्यादा आबादी को खत्म कर दिया था। चूहों की वजह से बीमारी पूरी दुनिया में कई बार फैली है। बिल्ली चूहों को खाती है और प्लेग के समय में बिल्ली के रास्ता काटने का मतलब इन्फेक्शन और बैक्टीरिया के फैलने से समझा जाने लगा था। इसे बिल्ली के रास्ता काटने से जुड़ी मान्यताओं का कारण समझा जाता है।
काली बिल्ली से जुड़ी थ्योरी
काला रंग नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। अंधेरे में काली बिल्ली की सिर्फ आंखें ही चमकती हैं। प्राचीन समय में जब रात में रौशनी की दिक्कत हुआ करती थी, तब इसे देखकर डर लगना स्वाभाविक है।
ये सभी थ्योरीज चर्चित ऑनलाइन फोरम्स से ली गई हैं। आपके हिसाब से क्या इनमें से कोई थ्योरी सही हो सकती है? अपने जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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