5 साल काम करने के बाद भी कंपनी ग्रेच्युटी का पैसा रोक ले तो क्या करें? जानिए कानूनी अधिकार

किसी भी कंपनी में 5 साल से ज्यादा सेवा प्रदान करने के बाद ग्रेच्युटी अमाउंट दिया जाता है। आमतौर पर, यह एक वित्तीय लाभ होता है, जिसे कंपनी देती है। लेकिन, अगर 5 साल काम करने के बाद भी आपको कंपनी ग्रेच्युटी नहीं देती है, तो आप क्या कर सकते हैं? 
what to do if gratuity is not paid by employer know the legal rules

जब आप किसी नई कंपनी में जाते हैं, तो आपकी CTC का एक हिस्सा ग्रेच्युटी के लिए अलॉट कर दिया जाता है। कोई कर्मचारी किसी कंपनी में लगातार 5 साल की सेवा पूरी करने के बाद ग्रेच्युटी के लिए पात्र बन जाता है। ग्रेच्युटी रकम को कैलकुलेट बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते(DA) के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर ग्रेच्युटी का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट तब किया जाता है,जब कर्मचारी किसी कंपनी में 5 साल पूरे करने के बाद उसे छोड़कर जाता है।

ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के मुताबिक, कंपनी को 30 दिन के भीतर ग्रेच्युटी अमाउंट का भुगतान करना होता है। हालांकि, कुछ मामलों में कंपनियां कर्मचारी के कानूनी रूप से हकदार होने के बाद भी ग्रेच्युटी देने से इंकार कर देती हैं, तो उसके पास कानूनी हक होता है।

ऐसी स्थिति में कर्मचारी कंपनी को कानूनी नोटिस भेजकर और टर्मिनेशन लेटर के साथ 90 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत कंट्रोलिंग अथॉरिटी के पास दावा दायर करके कानूनी कार्रवाई कर सकता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि अगर आपकी कंपनी आपकी ग्रेच्युटी रकम से देने से मना कर देती है, तो आपको क्या कदम उठाने चाहिए और कैसे अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए?

अगर आपकी कंपनी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं करती है तो क्या करें?

How to claim unpaid gratuity

यदि आपकी कंपनी ग्रेच्युटी का पेमेंट करने से इनकार करती है या भुगतान में देरी करती है, तो आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना चाहिए।

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कंपनी को फॉर्मल रिक्वेस्ट भेजें

कानूनी कार्रवाई करने से पहले, अपनी कंपनी को ग्रेच्युटी भुगतान के लिए हैंडरिटेन रिक्वेस्ट भेजें। साथ ही, इसमें रिटायमेंट या रेजिग्नेशन लेटर, सैलरी रसीदें और सर्विस के दूसरे प्रमाणपत्र जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स अटैच करें।

कंपनी के ग्रेच्युटी कंट्रोलिंग अथॉरिटी के पास शिकायत दर्ज करें

अगर कंपनी आपके क्लेम का जवाब नहीं देती है या उसे रिजेक्ट कर देती है, तो आप अपने एरिया में ग्रेच्युटी कंट्रोलिंग अथॉरिटी के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह आमतौर पर लेबर कमिश्नर या ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत नियुक्त अधिकारी होता है। आपको Form I भरकर कंट्रोलिंग अथॉरिटी को जमा करना होता है। कंपनी को आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी का भुगतान करना जरूरी होता है।

लेबर कमिश्नर से संपर्क करें

अगर कंपनी फिर भी पेमेंट करने से मना करती है, तो आप लेबर कमीश्नर के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। वह मामले की जांच करेगा और कंपनी को ग्रेच्युटी भुगतान के लिए निर्देश जारी करेगा।

कोर्ट में मामला दर्ज कराएं

अगर लेबर कमिश्नर से भी आपका काम नहीं होता है, तो आप लेबर कोर्ट में मामला दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट कंपनी को ब्याज समेत ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दे सकता है और भुगतान न करने पर जुर्माना भी लगा सकता है।

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कर्मचारियों के पास कानूनी अधिकार

Employee gratuity rights India

  • अगर कोई कंपनी ग्रेच्युटी भुगतान में देरी करती है, तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ब्याज देना होगा।
  • ग्रेच्युटी पेमेंट न करने वाली कंपनी पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या छह महीने की कैद की सजा हो सकती है।
  • अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ग्रेच्युटी का दावा करने का अधिकार मिल जाता है।

ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 की कुछ शर्तें

  • भारत में ग्रेच्युटी का भुगतान, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत किया जाता है। यह वित्तीय लाभ उन कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम किया होता है।
  • फैक्ट्री, खदान, तेल, बागान, बंदरगाह, रेलवे, दुकानों या अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी लागू होती है, जहां दस या उससे अधिक कर्मचारी काम कर रहे हों।
  • निरंतर सेवा का मतलब है कि नौकरी में बिना किसी बड़ी रुकावट के लगातार काम करना। इसमें छुट्टी, छंटनी, बीमारी या हड़ताल जैसी कानूनी तौर पर मान्य रुकावटें शामिल नहीं हैं।
  • यदि किसी कर्मचारी ने एक वर्ष में 240 दिन या 190 दिन काम किया है, तो उसे ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के लिए एक पूरा साल माना जाता है।
  • ग्रेच्युटी= (आखिरी वेतनx15x काम किए गए सालों की संख्या)/26
  • नवीनतम संशोधन के मुताबिक, एक कर्मचारी को मिलने वाली अधिकतम टैक्स-छूट ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये है।

ग्रेच्युटी कब रिजेक्ट की जा सकती है?

कंपनी को ग्रेच्युटी जब्त करने का अधिकार तब है, जब कर्मचारी ने गलत काम किया हो, जैसे- धोखाधड़ी, हिंसा करना या कोई गलत हरकत करना। इसके अलावा, अगर कर्मचारी लापरवाही से या जानबूझकर कंपनी की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे नौकरी से निकाला जा सकता है।

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Image Credit - freepik, jagran

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