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what is the symbol of olympic five colours and  rings.

ओलंपिक रिंग्स में क्यों होते है 5 रंग, जानें क्या है इसका मतलब

25 जुलाई को&nbsp; महिला व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड और पुरुष व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड होगा।&nbsp; पहले दिन भारतीय तीरंदाज मैदान में उतरेंगे। भारत के लिए हमेशा से यह खेल खास रहा है, क्योंकि ओलंपिक में तीरंदाजी हमेशा से भारत के लिए उम्मीद की किरण रही है। हमारे तीरंदाजों ने हमेशा बड़े मंच पर अच्छा प्रदर्शन किया है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-07-19, 17:25 IST

26 जुलाई  2024 से पेरिस ओलंपिक शुरू होने जा रहा है। भारतीय एथलीट एक बार फिर ओलंपिक में पदक जीतने पूरे जोश में है। इस बार  पेरिस ओलंपिक में 117 भारतीय एथलीट भाग लेने वाले हैं। तीरंदाजी से खेल की शुरुआत होगी। इस बार भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए 6 तीरंदाजों के दल की घोषणा की है।  4 साल में एक बार खेला जाने वाला ओलंपिक खेल सबके लिए खास है। इस बार इसका आयोजन पेरिस में हो रहा है। इसके लिए ओलंपिक रिंगों को एफिल टॉवर की पहली मंजिल पर प्रदर्शित भी किया गया है।

लेकिन खेल शुरू होने से पहले क्या आपके मन में यह सवाल आया है कि आखिर ओलंपिक खेल में रिंग्स केवल 5 ही क्यों होते हैं। साथ ही ओलंपिक रिंग्स के 5 रंगों का क्या मतलब है। आज के इस आर्टिकल हमें आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 

ओलंपिक रिंग्स में कौन-कौन से रंग होते हैं?

symbol of olympic five colours and  rings

ओलंपिक रिंग्स में 5 रंग होते हैं, सफेद झंटे के ऊपर नीला, पीला, काला, हरा और लाल। 

ओलंपिक रिंग्स में क्यों होते है 5 रंग

olympic five colours and  rings

दरअसल, ओलंपिक रिंग्स के 5 रंग 5 द्वीपों को दर्शाते हैं। इसमें हर द्वीप का रंग अलग है। जैसे ऊपर की तरफ नीला, काला और लाल, इसके बाद नीचे पीला, हरा रंग है। इसकी संरचना अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) के पूर्व अध्यक्ष पिएर डू कूबर्टिन ने की थी। इन 5 रंगों का इस्तेमाल इसमें इसलिए किया गया है, क्योंकि हर देश के झंडे में आपको इनमें से कोई न कोई रंग देखने को मिल जाएगा। इस सिंबल को समानता के उद्देश्य से बनाया गया। 

सबसे फेमस सिंबल में से एक है ओलंपिक रिंग्स

olympic

ओलंपिक रिंग्स का  साइन दुनिया के सबसे प्रसिद्ध ट्रेडमार्क में से एक है।  IOC की  प्रॉपर्टी है, इसलिए कोई भी इस सिंबल का यूज नहीं कर सकता है। उनके पास ही इसके उपयोग का विशेष अधिकार हैं। olympics.com की एक रिपोर्ट के अनुसार इसे लेकर 1981 में नैरोबी संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें लिखा गया था कि किसी के द्वारा अगर कोई किसी सिंबल या किसी भी तरह पर्सनल प्रॉपर्टी जो उसके द्वारा बनाई गई है, उसके यूज करने या उसे अपने नाम करने पर केस फाइल किया जाएगा।

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image credit- The Olympic Games_x.com

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