आपने शिनचैन कार्टून तो जरूर देखा होगा। शायद ही ऐसा कोई होगा जिसे यह कार्टून न पसंद हो और किसी ने यह कार्टून न देखा हो। यह कार्टून हंगामा टीवी पर आता था। कुछ ही समय में शिनचैन कार्टून बच्चों के बीच खूब पॉपुलर हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कार्टून की कहानी असल जिंदगी पर आधारित है। यह दो बच्चों और मां की कहानी है। तो चलिए जानते हैं कैसे बना शिनचैन कार्टून।
जापान का फेमस कार्टून है शिनचैन
शिनचैन कार्टून जापान के सबसे फेमस कार्टून में से एक है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस कार्टून को न केवल जापान में बल्कि भारत से लेकर कई अन्य देशों में भी खूब पसंद किया गया है। यह कार्टून जापानी मंगा सीरिज है। शिनचैन कार्टून 1990 में पहली बार जापान के वीकली मैगजीन मंगा एक्शन में फीचर हुआ था, जिसे फ़ुतबाशा द्वारा पब्लिश किया गया था।
ये है शिनचैन कार्टून की असली कहानी
शिनचैन का किरदार असल जिंदगी पर आधारित है। बता दें कि असल जिंदगी में शिनचैन की मौत हो चुकी है। यह कहानी जापान की है, जहां एक मिसाई नाम की औरत रहती थी। मिसाई के दो बच्चे थे, एक नाम शिनचैन और दूसरी का नाम था हिमावारी। अगर आपको ध्यान हो तो इस कार्टून में अक्सर दिखाया जाता था कि शिनचैन की मां को शॉपिंग करने का बेहद शॉक था। उसी तरह मिसाई भी शॉपिंग करना पसंद करती थी।
ऐसे में एक बार मिसाई अपने दोनों बच्चों को लेकर शॉपिंग (शॉपिंग टिप्स जानें) सेंटर पहुंची। वह शॉपिंग करने में काफी बिजी हो गई थी। जिसके कारण मिसाई ने शिनचैन को हिमावारी का ध्यान रखने के लिए कहा। दोनों बच्चे छोटे थे और शिनचैन को खिलौनो का बेहद शॉक था, ऐसे में दोनों शॉपिंग स्टोर के अदंर टॉय सेक्शन में चले गए।
शिनचैन खिलौने देखनें में व्यस्त हो गया था और कुछ समय बाद जब शिनचैन को उसकी बहन का ध्यान आया तो वह उसे टॉय सेक्शन में नहीं मिली। हिमावारी स्टोर से बाहर निकल चुकी थी और सड़क पार कर रही थी। सड़क पर तेज चलती हुई गाड़ियों का जमावड़ा लगा था। (कार से डेंट हटाने की टिप्स)
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शिनचैन ने जब देखा कि हिमावारी अकेले सड़क पार कर रही है तो वह उसे बचाने के लिए दौड़ा और इतने में ही सामने से एक तेज रफ्तार गाड़ी आई और दोनों का एक्सीडेंट हो गया। इस कार एक्सीडेंट की वजह से दोनों भाई-बहन की मौत हो गई थी।
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बच्चों की मौत से मां को लगा सदमा
दोनों बच्चों की मौत का उसकी मां मिसाई पर गहरा प्रभाव पड़ा। वह दिन-रात अपने बच्चों को याद करती रहती और रोती रहती थी। अपने बच्चों की याद में मिसाई रोज एक डायरी लिखा करती थी और साथ में बच्चों की अलग-अलग पेंटिंग भी बनाया करती थी। कुछ समय बाद जापान के फेमस कार्टून राइटर योशिता ओतसोइ को इस बात का पता चला और उन्होनें इस पर कार्टून बनाने का फैसला लिया। इसी तरह शिनचैन का यह कार्टून बना और दुनिया के सामने आया।
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Image Credit: Google.Com
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