पैसे की बचत कैसे करें? यह सवाल हम सभी के मन में आता है। लेकिन हाथ में आते ही सारा पैसा रेत की तरह मुट्ठी से निकल जाता है। ज्यादातर इसकी वजह हमारी खर्चीली आदतें होती हैं। जिसे लेकर लगभग हर आदमी परेशान रहता है। हालांकि दुनिया भर की कई स्टडीज यह बताती हैं कि ओवरस्पेंडिंग की इस आदत से छुटकारा पाया जा सकता है। आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर ओवरस्पेंडिंग क्या है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है-
क्या है ओवरस्पेंडिंग?
ओवरस्पेंडिंग का अर्थ किसी व्यक्ति के द्वारा जरूरत से अधिक पैसा खर्च करना कहा जाता है। हालांकि इसका मतलब केवल फिजूल खर्च नहीं होता है, बल्कि मौजूद साधनों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी ओवरस्पेंडिंग में गिना जाता है। ऐसे में अगर आप अपनी क्षमता से ज्यादा कोई भी साधन या पैसे खर्च करते हैं, तो इसे आपकी ओवरस्पेंडिंग हैबिट कहा जाता है।
कहां पर कितना खर्च करते हैं भारतीय?
बता दें कि ओवर स्पेंडिंग से जुड़ी Dailysuny.com की रिसर्च से हमें यह पता चलता है कि भारतीय किन जगहों पर कितना खर्च करते हैं।
- 30% से ज्यादा भारतीयों का मानना है कि वो छुट्टियों पर जाने का खर्च नहीं उठा पाते हैं।
- लगभग आधे भारतीय महीने भर में 500 रुपये से लेकर 2,500 रुपये अपने कपड़े पर खर्च करते हैं।
- 15 लाख या उससे ज्यादा आय वाले 75 % भारतीय कपड़ों पर हर माह 1,500 रुपये से ज्यादा खर्च करते हैं।
- 16 % भारतीय पुरुषों की तुलना में 21% महिलाएं जूतों पर खर्च करती हैं।
- मध्य भारत के हर 3 में से 1 भारतीय यह मानता है कि वो बाहर का खाना बर्दाश्त नहीं कर सकता है, वहीं पश्चिम भारत में 10 में 1 लोग ही ऐसा मानते हैं।
- 70% भारतीय ऑनलाइन खरीदारी करते समय 1,999 से कम खर्च करते हैं।
- उत्तर भारत में लोग सबसे अधिक ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। साथ ही विवाहित लोगों से ज्यादा अविवाहित लोग ऑनलाइन खरीदारी पर खर्च करते हैं।
- पैसे बचाने में कमजोर हैं भारतीय-
- रिसर्च के अनुसार 57% लोग अपने बचत खाते या आपातकालीन समस्याओं के लिए 5,000 से कम रखते हैं।
- विवाहित भारतीय अविवाहित भारतीयों के अपेक्षा ज्यादा पैसों की बचत करते हैं।
- 3 में से 1 अधिक भारतीय अपनी तनख्वाह के सहारे गुजारा करते हैं।
- 80 % अविवाहित भारतीय अपनी मासिक आय का 10%भी नहीं बचा पाते हैं।
- केवल 30 % भारतीय अपना पैसा कहीं न कहीं पर निवेश करते हैं।
ओवरस्पेंडिंग को ये चीजें देती हैं बढ़ावा-
ऐसी कई चीजें हैं जो ओवरस्पेंडिंग को बढ़ावा दे रही हैं। इनमें मीडिया विज्ञापन, सोशल मीडिया प्रेशर को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में जो लोग खरीदारी को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, उनके लिए बेकाबू खर्च को कंट्रोल करना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। कंफ्यूज लोग अक्सर Ads और प्रमोशन इमेज देखकर ही चीजों से आकर्षित हो जाते हैं, जिस वजह से ये बिना सोचे-समझे कुछ भी खरीद लेते हैं।
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ओवरस्पेंडिंग को कैसे करें कंट्रोल?
करें कैश पेमेंट-
कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट करने पर हमें खर्च का अहसास नहीं होता है। इस वजह से लोग फिजूल खर्च कर देते हैं।
रखें हिसाब-
अपने खर्च को एक्सल शीट या डायरी में मेंशन करें। इससे आपको पता चलेगा कि आपने कहां पर कितने पैसे खर्च किए हैं।
बनाएं बजट-
शॉपिंग पर जाने से पहले हमेशा अपना बजट बना लें। इससे यह तय हो जाएंगा कि आखिर आपको कितना सामान खरीदना है। इससे आप खर्च की लिमिट तय कर पाएंगे।
बनाएं सेविंग गोल्स-
हर महीने आपको पैसे बचाने की कोशिश करना चाहिए। जिससे आप फिजूल खर्च से बच सकें।
तो ये थी कुछ ऐसी बातें जिनके कारण आप यह रियलाइज कर सकती हैं, कि आप जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च कर रही हैं। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
Image Credit- freepik
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