Bank Account Transaction: अगर आपकी आदत है कि आप कभी भी और किसी भी बैंक से ट्रांजैक्शन करते हैं तो सावधान हो जाईए। अब तक आप फ्री में पैसे निकाल लेते थें, लेकिन अब आपको न सिर्फ एटीएम पर ही बल्कि बैंक अकाउंट से पैसे निकालने पर भी ट्रांजैक्शन चार्ज देने पड़ सकते हैं। ट्रांजैक्शन लिमिट न सिर्फ एटीएम पर लागू होता है बल्कि पास बुक से पैसे निकालने पर भी लागू होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए नकद निकासी नियमों की घोषणा की है। ये नियम खास तौर पर नकदी के इस्तेमाल को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया है। वहीं, आयकर अधिनियम की धारा 194N, 2019 के बजट में पेश की गई थी। यह धारा उन लोगों या संस्थाओं पर टैक्स का प्रावधान करती है जो किसी दूसरे व्यक्ति को नकद में 20 लाख रुपये से अधिक की राशि का भुगतान करते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने से पहले जरूर ध्यान रखें ये सभी बातें, वरना हो जाएगा आपका नुकसान
हालांकि, यह नियम उन्हीं पर लागू होता हैं जिन्होंने 3 साल से Income Tax Return (ITR) फाइल नहीं किया है, ITR एक वित्तीय दस्तावेज होता है, जिसमें व्यक्ति या संस्था की आय और व्यय का विवरण होता है। उन्हें इसके लिए Tax Deducted at Source (TDS) चार्ज देना होगा। जबकि, TDS एक इंडायरेक्ट टैक्स होता है, जिसे किसी व्यक्ति या संस्था को किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था को पेमेंट की गई राशि से काटा जाता है। यह धारा नकदी लेनदेन को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए है।
नए नकद निकासी नियम (New cash withdrawal rules):
- एक बार में 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी के लिए बैंकों को ग्राहकों से आधार या पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी।
- एक दिन में एक बैंक अकाउंट से 2 लाख रुपये से ज्यादा की नकद निकासी पर 1% चार्ज लगाया जाएगा।
- एक महीने में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर 2% चार्ज लगाया जाएगा।
- 75,000 रुपये से अधिक की नकद निकासी के लिए बैंकों को ग्राहकों से उनकी पहचान प्रमाणपत्र दिखाने के लिए कहने की आवश्यकता होगी।
नए नकद निकासी नियमों का प्रभाव
व्यक्तिगत उपयोगकर्ता (Individual User):
एक बार में 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी करने के लिए यूजर को आधार या पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी। एक दिन में एक बैंक खाते से 2 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर 1% शुल्क लगाया जाएगा। एक महीने में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर 2% शुल्क लगाया जाएगा। यह नियम उन लोगों पर अधिक प्रभाव डालेगा जो बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि व्यवसाय के मालिक और किसान।
व्यापार के लिए क्या है नियम (Rules for business):
व्यवसायों को भी अपने बैंक खातों से नकद निकालने में अधिक सावधान रहने की जरूरत होगी। 75,000 रुपये से अधिक की नकद निकासी के लिए बैंक, कॉपरेटिव संस्था या पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों को पहचान के लिए प्रमाणपत्र मांग सकती है। यह नियम उन व्यवसायों पर अधिक प्रभाव डालेगा जो नकद भुगतान स्वीकार करते हैं, जैसे कि दुकानें और होटल।
इसे भी पढ़ें: इन 5 जगह पर क्रेडिट कार्ड से करें भुगतान, होगा फायदा
नए नकद निकासी नियमों के लाभ
नए नकद निकासी नियम एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है जो भारत में नकदी लेनदेन के आधार पर अर्थव्यवस्था को ऊंचाई तक ले जाने में मदद करेंगे। ये नियम काले धन के इस्तेमाल को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और देश में भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है। RBI का मानना है कि डिजिटल पेमेंट नकदी लेनदेन से ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी होता है।
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
Image credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों