क्यों होते हैं विरोध? बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल से लेकर इलाहाबाद में हुए प्रतियोगी परीक्षाओं तक, जानें प्रदर्शन को लेकर भारत के नियम

Legal Rights of Protesters: देश में होने वाले आंदोलनों के पीछे का कारण सरकारी नीतियों में असंतोष, मजदूरों, स्टूडेंट की मांग हो या फिर किसी वर्ग, समुदाय की अधिकारों की रक्षा होते हैं। बीते दिन देश में हुई घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया, जिसके बाद अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले।
Right to Protest in India

Protest Law In India: भारत में विरोध और प्रदर्शन सामाजिक, राजनीतिक और तमाम मुद्दों का प्रमुख रूप है। यूपी पीसीएस एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन को लेकर हालांकि में प्रयागराज में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं अगस्त महीने में कोलकाता में हुई घटना में परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए प्रोटेस्ट किया गया। इस दौरान कई बार ऐसी स्थिति देखने को मिलती है जब पब्लिक सामान की तोड़-फोड़ करना शुरू कर देती है।

ऐसे में यह प्रश्न आता है कि इस सब चीजों को लेकर भारत में क्या कानून बना है। इस लेख में हम आपको प्रदर्शन को लेकर भारत में क्या कानून है इसके बारे में बताने जा रही हूं। इसके बारे में हमने इलाहाबाद हाई कोर्ट अधिवक्ता नीतीश पटेल से बातचीत की।

प्रदर्शन क्यों होता है?

What is the law related to protest

देश में जब भी आम जनता के खिलाफ चीजे या उन्हें वह बात गलत लगती है, तो उसके खिलाफ लोग प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर आते हैं। फिर चाहे बात पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल हो या इलाहाबाद में प्रतियोगी परीक्षाओं के खिलाफ प्रदर्शन, ये सब इस बात को दर्शाते हैं कि जब लोग महसूस करते हैं कि उनकी आवाज सुनी नहीं जा रही, तो प्रदर्शन का सहारा लेते हैं।

भारत में प्रदर्शन और हड़ताल को लेकर जनता को संवैधानिक अधिकार है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत 'शांति से विरोध करने' का अधिकार बना है। इसके तहत नागरिकों को अपनी बात रखने का अधिकार है। प्रदर्शन करते समय अधिकार को शांति और अनुशासन के साथ लागू करना आवश्यक है। अगर आप विरोध में हिंसा या संपत्ति की हानि होती है, तो उसे कानून का उल्लंघन माना जाता है।

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भारत में प्रदर्शन को लेकर बने नियम

What is the Article 19 right to protest

  • अनुच्छेद 19(1)(क) के तहत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
  • अनुच्छेद 19(1)(ख) के अनुसार, बिना हथियार के शांतिपूर्वक एकत्र होने का अधिकार

ये दोनों अधिकार मिलकर हर नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने और सरकार की कार्रवाई या निष्क्रियता का विरोध करने का अधिकार देते हैं। विरोध करने के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और उसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र मजबूत होता है। हालांकि, विरोध करने के अधिकार को कुछ कारणों से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।

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Image credit- Jagran, Freepik

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