बच्चों की परवरिश बहुत चुनौतीपूर्ण काम है। हर माता-पिता इसी प्रयास में रहते हैं कि कैसे बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जाएं और उन्हें अच्छी आदतें सिखाई जाएं। हालांकि इस प्रयास में अक्सर माता-पिता एक गड़बड़ी कर देते हैं, वह है दूसरों के सामने उन्हें डांटने का। ऐसा करना बच्चों पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आइए इस बारे में आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान के प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. राहुल चंडोक से विस्तार से जानते हैं।
गिरता है आत्मविश्वास
बचपन की उम्र विकास की उम्र होती है। इस दौरान बच्चों पर इस बात का गहरा प्रभाव पड़ता है कि लोगों की नजर में उनकी क्या छवि है। अगर आप उन्हें दूसरों के सामने डांटते हैं, तो इससे उनके मन में शर्मिंदगी की भावना आती है। अध्ययन बताते हैं कि ऐसे बच्चों का आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है और वे स्वयं को हीन दृष्टि से देखने लगते हैं। ऐसा होना उनके पूरे विकास को बाधित करता है।
डर और अवसाद का भी खतरा
बात आत्मविश्वास कम होने तक ही सीमित नहीं है। दूसरों के सामने डांटना बच्चों के मन में स्थायी डर बना सकता है। ऐसे बच्चे अपने माता-पिता को सार्वजनिक जगहों पर अपने अपमान का कारण मानने लगते हैं। कभी-कभी इस स्थिति से बचने की कोशिश उसे एंजाइटी का शिकार भी बना देती है। बच्चा गलतियों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने का प्रयास करता है, जिससे उसके पूरे व्यक्तित्व का विकास बाधित हो जाता है।
कम हो जाता है भरोसा
बच्चों को बार-बार बाहर वालों के सामने डांटने से उनका माता-पिता पर भरोसा कम होने लगता है। बच्चों को अपने माता-पिता से सुरक्षा और सहयोग की उम्मीद होती है। बाहर वालों के सामने डांटने से बच्चों का यह भरोसा टूटता है और उन्हें धोखे जैसा अनुभव होता है। ऐसे में बच्चे ज्यादा से ज्यादा बातें छुपाने की कोशिश करते हैं, कम बातें करते हैं और भावनात्मक रूप से माता-पिता से दूर हो जाते हैं।
आदत पर भी पड़ता है नकारात्मक असर
दूसरों के सामने डांटने से एक और भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है। अध्ययन बताते हैं कि माता-पिता का ऐसा स्वभाव बच्चों को बगावती बनाता है। ऐसे में जिस बात के लिए उन्हें डांट पड़ती है, वह जिद में आकर उसी काम को करने का प्रयास करने लगते हैं। माता-पिता जिस आदत को सुधारने की कोशिश में बच्चे को डांटते हैं, उस आदत के और भी ज्यादा बिगड़ने का खतरा रहता है। बच्चों की किसी भी आदत और व्यवहार के पीछे के कारण को समझे बिना उन्हें दूसरों के सामने डांटना उस व्यवहार को और भी बिगाड़ सकता है। ऐसा करना बच्चों के सामाजिक विकास की राह में भी बाधा है। ऐसे बच्चे लोगों से दूर-दूर रहने में ही खुद को सुरक्षित अनुभव करते हैं।
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Image credit- Herzindagi
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