पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमेटी ने 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। रिपोर्ट में देश में एक साथ सभी चुनाव कराने (One Nation-One Election) की सिफारिश की गई है। कमेटी ने 2029 तक देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। इसके लिए संविधान में कुछ संशोधन करने की भी सिफारिश की गई है।
इसे लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी घटना के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। रामनाथ कोविंद समिति की यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है। बताया गया कि हाई लेवल कमेटी ने स्टेकहोल्डर्स, स्पेस्लिस्ट के साथ काफी बड़े स्तर पर चर्चा करने के लिए 191 दिनों तक लगातार काम करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।
क्या है एक देश एक चुनाव (One Nation-One Election)
इसका मकसद भारत में सभी स्थानीय, राज्य स्तर और केंद्रीय निर्वाचनों को एक ही समय में आयोजित करना है। यह प्रस्ताव निर्वाचन प्रक्रिया को आसान, निर्देशित और बेहतर बनाने की कोशिश है। कोविंद कमेटी ने इस प्रस्ताव को और भी प्रभावी, कारगर बनाने के लिए कई सिफारिशें की हैं।
असल में हर साल देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव हो रहे होते हैं। यह देखते हुए कि कुछ राज्यों में साल में 200 से 300 दिन चुनावों में बीत जाते हैं, रिपोर्ट में एक साथ चुनावों की आर्थिक लागत पर 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्राची मिश्रा का एक पेपर शामिल है। जैसा कि हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है, रिपोर्ट एक साथ चुनाव कराने के लिए जरूरी वित्तीय और प्रशासनिक संसाधनों का भी ब्यौरा देगी।
एक देश एक चुनाव के पीछे क्या है आइडिया
एक देश एक चुनाव का आइडिया यह है कि सभी स्तरों के चुनाव जैसे संसद, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ, एक ही समय पर हों और एक ही दिन में आयोजित किए जाएं।
इस आइडिया के अनुसार, वोटरों को एक ही दिन में सभी स्तरों के चुनाव के लिए वोटिंग करने की सुविधा मिलेगी। यह संदेश भी देता है कि चुनाव विकल्पों के बीच विभाजन नहीं करना चाहिए, बल्कि एक साथ मिलकर देश के लिए एक साथ काम करना चाहिए।
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इस आइडिया का प्रस्ताव है कि चुनावी प्रक्रिया की लंबाई और चुनावी खर्चों में कमी आएगी, साथ ही राजनीतिक स्थिरता और सुधार भी होगा। इसके अलावा, सरकार को अधिक समय विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का भी संभावना हो सकता है।
एक देश एक चुनाव के फायदे
- एक साथ चुनावों का आयोजन करने से, चुनावों के लिए चुनाव आयोग, सरकारी कर्मचारी, और संबंधित संगठनों की बचत हो सकती है।
- एक साथ चुनावों का आयोजन करने से नामांकन प्रक्रिया और चुनावी कार्यक्रम में समय की बचत होगी।
- यह प्रस्ताव राजनीतिक स्थिरता को बढ़ा सकता है। साथ ही एक साथ चुनावों का आयोजन करने से शासन प्रबंधन को स्थिरता मिल सकती है और विकास की गति बढ़ सकती है।

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एक देश एक चुनाव से आने वाली चुनौतियां
- इस प्रस्ताव के लागू होने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी, जो काफी बड़ी चुनौती हो सकती है।
- एक साथ चुनावों का आयोजन करने के लिए, राजनीतिक प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है, जो काफी चुनौती भरा साबित हो सकता है।
- एक साथ चुनावों का आयोजन करने से, अलग-अलग राजनीतिक दलों के चुनावी विचारधारा पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
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