हर एक घर का केंद्रबिंदु उसका लिविंग रूम होता है। या एक आरामदायक स्थान होता है जहां आप अतिथि के बैठने की जगह भी बनाते हैं। वास्तु में ऐसा माना जाता है कि इस स्थान से हमेशा आराम और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होना चाहिए। वास्तु शास्त्र, वास्तुकला पर केंद्रित एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो एक संतुलित और सामंजस्यपूर्ण लिविंग रूम को आकार देने में मदद कर सकता है और घर की ऊर्जा को नियंत्रित कर सकता है।
यदि इस जगह का हर एक कोना सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है तो घर की खुशहाली बनी रहती है। अयादि आप विदेश में रहते हैं तब भी आपको घर के लिविंग रूम को वास्तु नियमों के अनुसार ही सजाना चाहिए जिससे घर में और परिवार के लोगों के बीच सामंजस्य बना रहे। आइए वास्तु विशेषज्ञ डॉ मधु कोटिया से जानें विदेश में घर के लिविंग रूम के लिए वास्तु के नियमों के बारे में विस्तार से।
लिविंग रूम के लिए वास्तु सिद्धांतों को कैसे समझें
वास्तु शास्त्र के मूल में यह बात बताई जाती है कि ब्रह्मांड में पांच मूलभूत तत्व शामिल हैं-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष। ये तत्व दुनिया में संतुलन और सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करते हैं और हमारे वातावरण की ऊर्जा को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वास्तु किसी स्थान के भीतर ऊर्जा प्रवाह को नियंत्रित करने में आठ प्रमुख दिशाओं - उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, उत्तर पूर्व, उत्तर पश्चिम, दक्षिण पूर्व और दक्षिण पश्चिम - के महत्व पर भी प्रकाश डालता है। अपने लिविंग रूम में वास्तु सिद्धांतों का पता लगाकर आप उसे इन्हीं युक्तियों से सजा सकते हैं जो एक सामंजस्यपूर्ण माहौल को बढ़ावा दे सकता है।
वास्तु के अनुसार लिविंग रूम के लिए सबसे अच्छी दिशा कौन सी है
यदि हम वास्तु शास्त्र की मानें तो विदेश के घर के लिए लिविंग रूम की सबसे अच्छी दिशा उत्तर, पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा है। ये दिशाएं समृद्धि, ख़ुशी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं। अपने लिविंग रूम का स्थान तय करते समय, अपने घर के भीतर सूरज की रोशनी, हवा के सही प्रवाह और ऊर्जा के प्राकृतिक प्रवाह जैसे कारकों को ध्यान में जरूर रखें।
यदि आपके घर के उत्तरी या पूर्वी हिस्से में लिविंग रूम है तो उगते सूरज की किरणें इस स्थान पर जरूर पड़ेंगी और घर में सकारात्मक माहौल बनेगा।
वास्तु के अनुसार लिविंग रूम में फर्नीचर और बैठने की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए
सकारात्मक ऊर्जा और सद्भाव बनाए रखने के लिए फर्नीचर ऐसे रखें कि वहां खाली जगह भी हो। कभी भी बेडरूम बहुत ज्यादा भरा हुआ नहीं होना चाहिए और आपकी यहां आसानी से चलने की जगह मिलनी चाहिए।
अपने फर्नीचर को इस तरह से व्यवस्थित करें कि उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सके। बैठने की व्यवस्था करते समय, सोफ़ा या कुर्सियां पश्चिम या दक्षिण दिशा में, पूर्व या उत्तर की ओर रखें। ऐसा माना जाता है कि यह व्यवस्था सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है और मेहमानों के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करती है। लिविंग रूम के लिए चौकोर कॉफी टेबल चुनें।
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वास्तु के अनुसार लिविंग रूम का रंग कैसा होना चाहिए
रंगों का किसी स्थान की ऊर्जा और माहौल पर काफी प्रभाव पड़ता है। वास्तु के अनुसार आपके लिविंग रूम की दीवारों के लिए सफेद, क्रीम, हल्का नीला और हरा जैसे हल्के, सुखदायक रंगों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। ये रंग शांति की भावना पैदा करते हैं और शांतिपूर्ण वातावरण का निर्माण करते हैं।
वास्तु के अनुसार लिविंग रूम में कैसी रोशनी रखें
ऐसा माना जाता है कि सूरज की रोशनी सकारात्मक ऊर्जा और खुशी का संचार करती है। सुनिश्चित करें कि आपकी खिड़कियां हमेशा साफ-सुथरी हों और किसी भी तरह के अवरोधों से मुक्त हों ताकि अधिकतम धूप मिल सके। कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था के लिए, हल्की रोशनी चुनें जो एक आरामदायक माहौल बनाने में मदद करती है। कठोर, चमकदार रोशनी से दूर रहें, क्योंकि वे कमरे के ऊर्जा संतुलन को बिगाड़ सकती हैं।
वास्तु के अनुसार लिविंग रूम में कैसे पौधे लगाएं
अपने लिविंग रूम में प्रकृति का परिचय देना सकारात्मक ऊर्जा और सद्भाव को प्रोत्साहित करने का एक शानदार तरीका माना जाता है। इंडोर पौधे न केवल हवा को शुद्ध करते हैं बल्कि आस-पास के क्षेत्र में जीवंत और ताजगी का स्पर्श भी जोड़ते हैं।
वास्तु के अनुसार विदेश में भी घर के लिविंग रूम में कुछ विशेष पौधे लगाने की सलाह दी जाती है। लिविंग रूम पौधों में (लिविंग रूम की खूबसूरती बढ़ाने के लिए इंडोर प्लांट्स)आप एरेका पाम, मनी प्लांट और बम्बू प्लांट लगा सकती हैं। पौधों को पूर्व या उत्तर दिशा में रखें, क्योंकि ये दिशाएं विकास और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती हैं।
यदि आप विदेश में रहते हैं तो लिविंग रूम में यहां बताए वास्तु के नियमों का पालन करें। इससे आपके घर में सदैव समृद्धि बनी रहेगी और वास्तु दोष नहीं होगा।
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