फलों को विटामिन और मिनरल्स का एक अच्छा सोर्स माना जाता है और इसलिए इसे हर किसी को इसे डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर, हम सभी बाजार से तरह-तरह के फल अपने घर में लेकर आते हैं और उसका सेवन करते हैं। जबकि अगर आप चाहें तो सब्जियों की ही तरह फलों को भी अपने घर में उगा सकते हैं।
वेजिटेबल गार्डनिंग के बारे में तो हम सभी ने सुना है, लेकिन घर में फ्रूट गार्डनिंग करना भी एक अच्छा आइडिया है। जब आप खुद अपने घर में फल उगाते हैं और एकदम फ्रेश फल खाते हैं तो उससे बेहतर आपकी सेहत के लिए कुछ और नहीं हो सकता है। घर पर फ्रूट गार्डनिंग करना इतना भी मुश्किल नहीं है। बस जरूरत है कि आप कुछ छोटी-छोटी बातों का खास ध्यान रखें। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही छोटे-छोटे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको फ्रूट गार्डनिंग करते हुए ध्यान रखना चाहिए-
जब आप घर पर फ्रूट गार्डनिंग कर रहे हैं तो आपको जगह का चयन बेहद सोच-समझकर करना चाहिए। अधिकतर फल देने वाले पौधों को भरपूर धूप की आवश्यकता होती है। इसलिए आप ऐसी जगह चुनें, जहां पर प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे सीधी धूप आती हो। साथ ही, वॉटरलॉगिंग को रोकने के लिए ड्रेनेज सिस्टम का भी ख्याल रखें। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अत्यधिक नमी से जड़ें सड़ सकती हैं और आपका पौधा मर भी सकता है।
जब भी आप अपने घर में फ्रूट गार्डनिंग करें तो आपको प्लांट का चयन बेहद सोच-समझकर करना चाहिए। हर पौधे की मौसम से लेकर ग्रोथ के लिए अलग कंडीशन होती हैं। ऐसे में आपको फलों के पौधों की उन किस्मों को चुनना चाहिए, जो आपके यहां के मौसम और मिट्टी के अनुसार एकदम सटीक बैठती हों। साथ ही साथ, फलों की किस्मों का चयन करते समय आप अपने प्लांटिंग स्पेस का भी ख्याल रखें। इसके लिए आपको थोड़ा रिसर्च करने की जरूरत होगी।
आपके फलों की ग्रोथ में मिट्टी का अहम रोल होता है, इसलिए जब भी आप फ्रूट गार्डनिंग करते हैं तो ऐसे में आपको मिट्टी की संरचना और उर्वरता में सुधार करने पर विचार करना चाहिए। कोशिश करें कि रोपण से पहले खाद आदि मिक्स करके मिट्टी तैयार करें। साथ ही साथ, वॉटरलॉगिंग को रोकने के लिए ड्रेनेज सिस्टम पर भी ध्यान दें। इससे आपके फलों के पौधों को पनपने में काफी मदद मिलेगी।
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जब आप फ्रूट गार्डनिंग कर रहे हैं तो ऐसे में मल्च का इस्तेमाल करना यकीनन एक अच्छा आइडिया है। सबसे पहले तो मल्चिंग से गार्डन बेड के मॉइश्चर को बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही साथ, यह खरपतवारों से निपटने में भी मदद करता है, जो फलों के पेड़ों से कीमती पानी और पोषक तत्व चुरा सकते हैं। मल्चिंग के कारण आपके फलों के पेड़ों, झाड़ियों और पौधों को पर्याप्त पानी और पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
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