साल 2018 में #MeToo सुर्खियों में रहा। इसकी शुरुआत हुई तनुश्री के साथ, जब उन्होंने नाना पाटेकर पर फिल्म हॉर्न ओके की शूटिंग के वक्त अपने साथ ज्यादती करने के आरोप लगाए। इसके बाद चित्रांगदा सिंह, कंगना रनौत जैसी कई बड़ी एक्ट्रेसेस ने अपने #MeToo मोमेंट के बारे में बात की। हालांकि इस पर हंगामा खूब हुआ, लेकिन बॉलीवुड के कई बड़े चेहरों ने सेक्शुअल हैरसमेंट का सामना करने वाली महिलाओं के सपोर्ट में आवाज उठाई। महिला सशक्तीकरण की दिशा में इसे एक बड़ा कदम कहा जा सकता है।
साल 2019 शुरू होने के साथ इसी मुहिम को आगे ले जाने की जरूरत है। सिर्फ ग्लैमर वर्ल्ड ही नहीं, बल्कि किसी भी वर्कप्लेस पर महिलाओं के लिए काम का बेहतर माहौल होना चाहिए। सरकार की तरफ से कानूनी तौर पर ऐसे कई कदम उठाए गए हैं, जिनसे वर्कप्लेस पर वुमन सेफ्टी सुनिश्चित की जाती है। लेकिन ऐसी कई अहम बातें, जिनके बारे में वर्किंग वुमन को सजग रहने की जरूरत है।
एलर्ट रहने पर महिलाएं खुद को कई तरह के जोखिम में पड़ने से बचा सकती हैं। नए साल में वर्कप्लेस पर आपकी सेफ्टी बनी रहे, इसके लिए आपको इन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए-
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जाने-माने लाइफ कोच पंकज दीक्षित बताते हैं, 'बड़े वर्कप्लेसेस पर महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए एक इंटरनल कमेटी बनाई जाती है। अगर महिलाएं किसी अनचाहे हालात से गुजर रही हैं तो वे अपने एचआर से बात कर सकती हैं, इस इंटरनल कमेटी में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। बहुत सी महिलाएं गलत बात का विरोध करते हुए डरती हैं, लेकिन आपको हिम्मत रखने की जरूरत है। अगर स्थितियां खराब हो रही हैं तो अपनी बात कहने में बिल्कुल संकोच ना करें, क्योंकि आपके खामोश होने पर ऐसी ज्यादती किसी और के साथ भी हो सकती है। लेकिन जब आप इस बात के लिए कन्विंस्ड हों कि आपको सेक्शुअली हैरस किया जा रहा है, तभी इंटरनल कमेटी के जरिए बात आगे बढ़ाएं। अपनी तरफ से अहतियात बरतें। जब पुरुषों को किसी कारण ऐसा संकेत मिलता है, तो वे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। वर्कप्लेस पर अगर आपकी किसी में दिलचस्पी ना हो तो पुरुषों के साथ पर्सनल रिलेशनशिप से बचें। अगर ऑफिस से बाहर मिल रहे हैं तो ऑफिस के एक-दो सहकर्मियों को साथ में लें।'
लाइफ कोच पंकज दीक्षित कहते हैं, 'अगर मेल बॉस है तो आपको यह देखना होगा कि वह काम के लिए प्रेशराइज कर रहा है या फिर फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। आपके लिए सबसे ज्यादा अहम है अपने काम में ठीक रहना। अगर काम में गलती हो रही है तो उसे स्वीकार करें। लेकिन अगर आपको लगता है कि किसी बात को जरूरत से ज्यादा तूल दिया जा रहा है तो उसका विरोध करना चाहिए। अगर आप गलत चीजों के खिलाफ खुद आवाज उठाती हैं तो सबसे अच्छा, लेकिन अगर आपको कहने में संकोच हो रहा है तो अपने दोस्तों या मेल फ्रेंड्स से बात करें। रूड बात ना करें लेकिन फर्म तरीके से अपनी बात रखें। अगर पुरुष साथी बिना वजह के आपको बाहर मिलने के लिए ऑफर करते हैं और आपकी इच्छा नहीं है तो स्पष्ट रूप से इसके लिए मना कर दें और इसे लेकर किसी तरह की टेंशन ना लें। ऑफिस में किस तरह का बिहेवियर होना चाहिए, इसकी कोई रूल बुक नहीं बनाई जा सकती, लेकिन आप यह सुनिश्चित करें कि अपनी तरफ से एडवांसमेंट वाले संकेत ना दें। पुरुष साथियों के साथ फ्रेंडली होने में परेशानी नहीं है, लेकिन इस दौरान फाइन बैलेंस बनाना सीखें।'
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