रिटायरमेंट के बाद घर खरीदना एक बड़ा फैसला होता है। यह न केवल आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि आपके भविष्य में रहने के तरीके को भी बदल देता है। इसलिए, इस फैसले को लेने से पहले आपको कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए।
जगह का सिलेक्शन
ऐसी जगह का चयन करें, जो आपके और आपके परिवार के लिए सुविधाजनक हो। पास में अस्पताल, बाजार, और सार्वजनिक परिवहन जैसी सुविधाएं होना जरूरी होता है। इसलिए, एक ऐसी जगह चुनें, जो आपके लिए सुविधाजनक हो और जहां आपको हर जरूरी सुविधाएं मिलें। अगर आप शांति पसंद करते हैं, तो भीड़ भाड़ से दूर किसी शांत इलाके में घर देख सकते हैं।
बजट की योजना
अपने बजट को ध्यान में रखें और उसी के अनुसार घर खरीदें। रिटायरमेंट के बाद आपके पास स्थिर आय नहीं होती, इसलिए घर का बजट सावधानी से निर्धारित करें। घर की कीमत और अन्य खर्चों जैसे मेंटेनेंस, प्रॉपर्टी टैक्स को ध्यान में रखें। लोन लेने से पहले अपनी फाइनेंनसियल स्टेटस का आकलन करें और इस बात का ध्यान रखें कि क्या आप ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम होंगे।
सुविधाओं और रखरखाव पर ध्यान दें
घर की सुरक्षा का ध्यान रखें और एक ऐसा घर चुनें जो सुरक्षित हो। घर में बुनियादी सुविधाएं जैसे लिफ्ट, 24x7 पानी और बिजली की सुविधा, और सुरक्षा प्रबंध होना चाहिए। कम मेंटेनेंस वाले घर या अपार्टमेंट चुनें, जिससे भविष्य में कम से कम रखरखाव की जरूरत हो।
स्वास्थ्य सेवाओं की नजदीकी
रिटायरमेंट के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता जरूरी होती है। घर के पास अच्छे अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्रों का होना जरूरी है। अगर संभव हो तो ऐसे स्थान का चयन करें, जहां बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। इसके साथ ही एक ऐसा घर चुनें जो आपके लिए पर्याप्त हो और जिसमें आपको रहने के लिए पर्याप्त जगह मिले।
इसे भी पढ़ें: ऐसे करें रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग, मिलेगा पैसा ही पैसा
समुदाय और सामाजिक जीवन
ऐसा स्थान चुनें जहां आप अपने आयु वर्ग के लोगों के साथ समय बिता सकें। इस तरह का समुदाय आपको सामाजिक और मानसिक समर्थन प्रदान करेगा। पास में पार्क, क्लब, या अन्य सामुदायिक गतिविधियों की सुविधा होने से आपकी जीवनशैली में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
फ्यूचर प्लानिंग
घर खरीदते समय भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखें, जैसे कि घर का डिजाइन बुजुर्गों के अनुकूल हो, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर बेडरूम, बाथरूम में ग्रैब बार्स, और एंटी-स्किड फर्श हो। घर को बच्चों के नाम पर खरीदने या जॉइंट ओनरशिप का विकल्प चुन सकते हैं, जिससे भविष्य में संपत्ति का विवाद न हो। साथ ही घर के मेंटेनेंस का ध्यान रखें और एक ऐसा घर चुनें जिसका मेंटेनेंस आसान हो।
इसे भी पढ़ें: धरती पर स्वर्ग हैं देश की ये जगहें, रिटायरमेंट के बाद लोग यहां बसने का रखते हैं ख्वाब
कानूनी दस्तावेज और पेपर वर्क
संपत्ति के सभी कानूनी दस्तावेजों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि जमीन या फ्लैट पर कोई कानूनी विवाद न हो। वकील से कंसल्ट लें और सारे दस्तावेज सही तरीके से वेरीफाई करें।
रिटायरमेंट प्लान से तालमेल
घर खरीदने का फैसला आपके रिटायरमेंट प्लान के अनुरूप होना चाहिए। अगर घर खरीदने से आपकी अन्य रिटायरमेंट योजनाओं पर असर पड़ता है, तो दोबारा सोचें। अपने रिटायरमेंट प्लान के मुताबिक घर खरीदें और यह सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त पैसा हो।
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
Image Credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों